गुरिंदरजीत सिंह ने शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर उठाए सवाल, हज़ारों गैर मान्यता प्राप्त स्कूल और कार्रवाई महज़ कुछ पर ही

गुरुग्राम, 10 मई 2025 – हरियाणा में बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों के नाम अब सार्वजनिक किए जाएंगे। इस संबंध में सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे तीन दिन के भीतर ऐसे स्कूलों की सूची तैयार करके निदेशालय को भेजें। अब तक प्रदेश में 282 स्कूलों की पहचान हुई है जो बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं।
समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह ने गुरुग्राम में लगातार बढ़ते गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि “आख़िर गुरुग्राम में किसके संरक्षण में चल रहे हैं ये अवैध स्कूल? शिक्षा के नाम पर बच्चों और अभिभावकों के साथ खुलेआम धोखा हो रहा है।”
हज़ारों स्कूल और कार्रवाई गिने-चुने पर ही क्यों?
गुरिंदरजीत सिंह ने आरोप लगाया कि पूरे राज्य में हज़ारों की संख्या में अवैध स्कूल चल रहे हैं, लेकिन कार्रवाई महज़ एक-दो पर ही की जा रही है। “जब हाई कोर्ट और शिक्षा निदेशालय दोनों ने स्पष्ट आदेश दिए हैं, तो अब तक कितने स्कूलों पर कार्रवाई हुई और कितनों को नोटिस जारी किया गया—यह जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं की जा रही?” उन्होंने पूछा।
गुरुग्राम में ही सैकड़ों अवैध स्कूलों का संचालन
उन्होंने बताया कि निदेशालय द्वारा राज्यभर से 282 स्कूलों की सूची तैयार की गई है, जबकि अकेले गुरुग्राम जिले में ही ऐसे स्कूलों की संख्या सैकड़ों में है। “यह आंकड़ा कहीं अधिक है, और शिक्षा विभाग जानबूझकर आँख मूंदे बैठा है,” गुरिंदरजीत सिंह ने कहा।
कार्रवाई में ढिलाई और कारणों पर सवाल
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद जिले में अधिकांश गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को न तो बंद किया गया और न ही उनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की गई। “कुछ स्कूल तो नामी शिक्षण संस्थानों की शाखाएँ हैं, जो नियमों को ठेंगा दिखा रही हैं,” उन्होंने आरोप लगाया।
एफिलिएशन के लिए देर से आवेदन और विभाग की नरमी
गुरिंदरजीत सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि “कई स्कूल संचालकों ने स्कूल बंद होने के डर से एफिलिएशन के लिए देर से आवेदन कर दिए हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि शिक्षा विभाग जानबूझकर कार्रवाई धीमी कर रहा है, ताकि सभी संचालकों को आवेदन करने का मौका मिल जाए और उन्हें अस्थाई मान्यता दी जा सके।”
जनता के साथ पारदर्शिता ज़रूरी
उन्होंने मांग की कि गुरुग्राम समेत पूरे राज्य में बिना मान्यता के चल रहे सभी स्कूलों की सूची सार्वजनिक की जाए और यह जानकारी पोर्टल व प्रेस के माध्यम से आम जनता तक पहुंचे, ताकि अभिभावक सचेत हो सकें।