–फाउंडेशन ने शुरू की एक अनूठी पहल

–अरावली में हरियाली के बच्चे जानेंगे पर्यावरण का महत्व

गुरुग्राम। बच्चों के मन में पर्यावरण का महत्व, प्रकृति की सुंदरता, जंगलों का रहस्य, पहाड़ों की शांति, जीव-जंतुओं की जिज्ञासा और इनके सरंक्षण के प्रति आग्रह, ये सब बीज की तरह बोए जाएं नवकल्प फाउंडेशन का नया अभियान यहीं है। अध्यक्ष अनिल आर्य ने बताया कि इस विशेष पहल के अंतर्गत नवकल्प फाउंडेशन स्कूली बच्चों को अरावली की हरियाली, जंगलों की सांस लेती मिट्टी और पहाड़ियों की खुली बाहों तक लेकर जाएगा। वहां बच्चें देखेंगे, समझेंगे और महसूस करेंगे कि प्रकृति केवल किताबों तक सीमित नहीं है बल्कि इसका स्वरूप व्यापक है। यह हमारे जीवन का आधार है।

उन्होने कहा कि ये अरावली की ये यात्राएं न केवल सीखने की बल्कि प्रकृति, जंगल, पहाड़, पर्यावरण से जुड़ने, महसूस करने और उनसे संवाद करने की होंगी। बच्चे जानेंगे कि कैसे हर पत्ता, हर चिड़िया, हर पत्थर हमें कुछ सिखाता है। इस यात्रा उपरांत बच्चे एक नए नजरिए, संवेदना और हरियाली भरे दिल के साथ लौटेंगे। नवकल्प का प्रकृति-संवाद बच्चों को प्रकृति से जोड़ने का एक प्रयास है, ताकि कल वो न केवल अपने भविष्य की बल्कि इस धरती की भी रक्षा कर सकें। नवकल्प की यह पहल अनुभवात्मक शिक्षा और सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से बच्चों में प्रकृति, वन्यजीव, पर्यावरण के प्रति प्रेम, जिम्मेदारी और सक्रिय भागीदारी की भावना विकसित करने पर केंद्रित है।

अनिल आर्य ने बताया कि नवकल्प फाउंडेशन की इस अनूठी पहल को धरातल पर सार्थक रूप देने की जिम्मेदारी डॉ. सुनील आर्य पर होगी। वे इस अभियान का नेतृत्व करेंगे वहीं इसके कोऑर्डिनेटर आर्किटेक्ट दीपांशु गोला होंगे। इस अभियान के तहत अरावली की पहाड़ियों में स्कूली बच्चों के साथ पहला प्रकृति-संवाद आज रविवार को होगा।

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