61 वर्ष, 2 महीने, 22 दिन का निर्बाध शिक्षण कार्यकाल बना मिसाल
सीसीए स्कूल सभागार में भव्य काव्य गोष्ठी एवं सम्मान समारोह आयोजित

गुरुग्राम, 11 मई। शिक्षण क्षेत्र में अद्वितीय उपलब्धि हासिल करते हुए डॉ. धनीराम अग्रवाल का नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स तथा लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है। डॉ. अग्रवाल ने 61 वर्ष, 2 महीने और 22 दिन तक सतत शिक्षण कर यह गौरव प्राप्त किया है, जो पूरे एशिया में सर्वाधिक है।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि के उपलक्ष्य में सुरुचि साहित्य कला परिवार के तत्वावधान में रविवार को सीसीए स्कूल, सेक्टर-4, गुरुग्राम के सभागार में एक भव्य सम्मान समारोह एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत वीणा अग्रवाल द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण और अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई।
पूर्व कुलपति डॉ. अशोक दिवाकर, पूर्व उपायुक्त कुलबीर सिंह मलिक, कर्नल कुँवर प्रताप सिंह, प्रख्यात कथाकार चंद्रकांता, ग़ज़लकार विज्ञान व्रत, साहित्यकार सुनीति रावत, और निर्मल यादव सहित अनेक गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति ने समारोह की गरिमा को द्विगुणित कर दिया।
डॉ. अग्रवाल के बहुआयामी योगदान पर प्रकाश डालते हुए मंजू भारती और डॉ. अशोक दिवाकर ने उनके व्यक्तित्व, कृतित्व, जीवन संघर्ष, कार्यशैली और वाकपटुता की सराहना की। वहीं कथाकार चंद्रकांता और कुलबीर सिंह मलिक ने उन्हें हार्दिक बधाई देते हुए उनके समर्पित शिक्षकीय जीवन को प्रेरणादायक बताया।
डॉ. अग्रवाल के जीवन पर आधारित रविन्द्र सिंह यादव द्वारा रचित रागिनी को नरोत्तम शर्मा ने सजीवता के साथ प्रस्तुत कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। इस अवसर पर डॉ. अग्रवाल ने अपने “फर्श से अर्श” तक के संघर्षों और अनुभवों को बड़े आत्मीय और सहज भाव से साझा किया।
गौरतलब है कि वर्ष 2016 में उनका नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ था, जिसे बाद में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. जोएल ने पीछे छोड़ दिया। अब डॉ. अग्रवाल विश्व स्तर पर दूसरे तथा एशिया में पहले स्थान पर हैं। उन्होंने गणित एवं अर्थशास्त्र विषयों पर 12 से अधिक पुस्तकें लिखीं हैं और 100 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित कराए हैं।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में प्रख्यात ग़ज़लकार विज्ञान व्रत की अध्यक्षता में काव्य गोष्ठी आयोजित हुई, जिसमें डॉ. अशोक बत्रा, विजय नागपाल ‘नाविक’, दीपशिखा श्रीवास्तव, सतीश मराठा, राजेश प्रभाकर, बिमलेन्दु सागर, सुजीत कुमार, सुनीति रावत, सुनील शर्मा समेत लगभग 15 कवियों ने विविध विषयों पर प्रभावशाली रचनाएँ प्रस्तुत कीं। देशप्रेम से ओतप्रोत रचनाओं ने विशेष प्रभाव डाला।
इस अवसर पर शशांक शर्मा, हरीन्द्र यादव, मेघना शर्मा, श्याम स्नेही शास्त्री, नीरज श्रीवास्तव, बीएल सिंगला, दौलतराम कौशिक, पिंकी गुप्ता, अंजलि श्रीवास्तव, सुरेन्द्र मनचंदा, रामकला बबेरवाल सहित सुरुचि परिवार के पदाधिकारी, सदस्य, कवि, साहित्यकार एवं बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का कुशल संचालन मदन साहनी ने किया। समारोह के अंत में डॉ. धनीराम अग्रवाल ने उपस्थित सभी अतिथियों, प्रतिभागियों एवं आयोजकों का हृदय से आभार व्यक्त किया।