गुरुग्राम के ज्यादातर पार्को पर कब्ज़ा। कब होंगे कब्ज़ा मुक्त? गुरिंदरजीत सिंह

विधायक मुकेश शर्मा जी 100 दिन मांगे थे, अब भी पुरा गुरुग्राम तो दूर पार्क भी साफ़ नही : गुरिंदरजीत सिंह

गुरुग्राम, 12 मई – साइबर सिटी के नाम से मशहूर गुरुग्राम, एक बार फिर पर्यावरण और ग्रीन स्पेस को लेकर गंभीर सवालों के घेरे में है। अर्जुन नगर के समाजसेवी और इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह ने हरियाणा के पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह से सीधा सवाल करते हुए कहा कि यदि सचमुच पर्यावरण बचाना है, तो सबसे पहले पार्कों और ग्रीन बेल्ट क्षेत्रों को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाए।

गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि गुरुग्राम में प्रदूषण की समस्या कोई नई नहीं है। हर साल AQI खतरनाक स्तर पर पहुंचता है और सांस लेना मुश्किल हो जाता है। बावजूद इसके, पिछले 10 वर्षों में डबल इंजन सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर कोई ठोस काम नहीं किया।

उन्होंने आरोप लगाया कि शहर के ज्यादातर पार्कों पर कब्जा हो चुका है। कुछ जगहों पर पेड़ काटकर धार्मिक स्थल या अन्य निर्माण कर लिए गए हैं, जबकि कई ग्रीन बेल्ट क्षेत्रों में रिहायशी विस्तार और दुकानों का निर्माण हो चुका है। उन्होंने पूछा, “मंत्री जी, आप पंचायती जमीनों पर पौधारोपण की बात करते हैं, लेकिन गुरुग्राम के मौजूदा सार्वजनिक पार्क और ग्रीन बेल्ट की रक्षा कब करेंगे?”

कब हटेंगे कब्जे? कहां है प्रशासन?

गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि सेक्टर-4, लक्ष्मण विहार, धनवापुर रोड, अर्जुन नगर, न्यू कॉलोनी, राम नगर और सुशांत लोक जैसे इलाकों में कई पार्क और ग्रीन बेल्ट अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुके हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “विधायक जी ने शहर को साफ करने के लिए 100 दिन मांगे थे, लेकिन आज तक न तो गुरुग्राम साफ हुआ, और न ही एक पार्क। अर्जुन नगर का राजीव गांधी पार्क इसका ज्वलंत उदाहरण है, जहां कई दिनों से कूड़े के ढेर लगे हुए हैं और कोई सफाई नहीं हुई।

कमेटी गठन की मांग

उन्होंने हरियाणा सरकार से मांग की कि एक स्वतंत्र निरीक्षण कमेटी गठित की जाए, जो नगर निगम गुरुग्राम (MCG) के अधीन आने वाले सभी सार्वजनिक पार्कों का सर्वेक्षण करे और अवैध कब्जों की रिपोर्ट तैयार कर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करे।

जनता से भी की अपील

गुरिंदरजीत सिंह ने आम जनता से भी अपील की कि अगर उनके इलाके में किसी ने पार्क या ग्रीन बेल्ट पर कब्जा कर लिया है, तो वे प्रशासन से शिकायत करें। साथ ही उन्होंने समाजसेवियों और RWA को भी आगे आने की सलाह दी ताकि पर्यावरण संरक्षण के इस अभियान को जन आंदोलन बनाया जा सके।

हरियाली की हत्या बंद हो

गुरिंदरजीत सिंह ने कहा, “पार्कों और ग्रीन बेल्टों पर कब्जा करना केवल ज़मीन हड़पना नहीं है, यह हरियाली की हत्या है। अगर आज हम अपने पर्यावरण की रक्षा नहीं करेंगे तो आने वाली पीढ़ियों के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा।”

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