भारत सारथी,ऋषि प्रकाश कौशिक

देश की सुरक्षा और विदेश नीति के लिहाज़ से बेहद अहम माने जा रहे घटनाक्रम के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रात 8 बजे राष्ट्र को संबोधित किया। यह संबोधन हाल ही में सफल रहे ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ और भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम समझौते के संदर्भ में था।

प्रधानमंत्री ने देशवासियों को आश्वस्त करते हुए कहा, “भारत अब हर आतंकी हमले का जवाब उसी भाषा में देगा, लेकिन हमारी नीति ‘शांति के रास्ते पर शक्ति’ की है।”

ऑपरेशन सिन्दूर: सर्जिकल स्ट्राइक से बड़ी कार्रवाई

प्रधानमंत्री ने खुलासा किया कि ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ एक सुनियोजित और सीमित सैन्य कार्रवाई थी, जिसका उद्देश्य केवल आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन के तहत भारतीय वायुसेना और थलसेना ने मिलकर पाकिस्तान अधिकृत इलाकों में कई आतंकी अड्डों को ध्वस्त किया।

भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम: बड़ा राजनयिक कदम

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच एक अनौपचारिक राजनयिक समझ के तहत तत्काल प्रभाव से सीज़फायर पर सहमति बनी है। उन्होंने इसे “एक नई शुरुआत का संकेत” बताया, लेकिन साथ ही चेताया कि भारत की सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं होगा।

अंतरराष्ट्रीय समर्थन

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने अमेरिका, फ्रांस, रूस और संयुक्त राष्ट्र का धन्यवाद करते हुए कहा कि “दुनिया भारत के आत्म-संयम को सराहती है, लेकिन हमारी शक्ति को भी अब सभी पहचानने लगे हैं।”

देशवासियों से अपील

प्रधानमंत्री ने युवाओं, सेना के जवानों और आम नागरिकों से अपील की कि वे शांति बनाए रखें, अफवाहों पर ध्यान न दें और देश की अखंडता पर गर्व करें।

निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन न सिर्फ ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की सफलता को रेखांकित करता है, बल्कि यह संकेत भी देता है कि भारत अब आक्रामक रणनीति और कूटनीति दोनों मोर्चों पर सक्रिय है। जनता को जहां एक ओर गर्व का अहसास हुआ है, वहीं शांति की पहल ने उम्मीद की एक नई किरण भी दिखाई है।

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