
रेवाड़ी, 14 मई 2025 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आतंकवाद के खिलाफ सेना के ऑपरेशन सिंदूर की सराहना कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता उसी सैन्य शौर्य का राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि तिरंगा यात्रा के नाम पर भाजपा मोदी और उनकी पार्टी का गुणगान कर रही है, जो कि न सिर्फ सेना की वीरता का राजनीतिकरण है, बल्कि उसे विवादों में घसीटने का भी दुर्भाग्यपूर्ण प्रयास है।
विद्रोही ने कहा, “पूरा देश इस समय सेना के साथ एकजुट होकर खड़ा है। विपक्षी दल, कांग्रेस और इंडिया गठबंधन सहित किसी ने भी सेना की कार्रवाई पर सवाल नहीं उठाए हैं। सभी ने सेना के हर दावे को सत्य मानते हुए उसकी वीरता की खुले दिल से प्रशंसा की है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब देश में किसी भी स्तर पर सेना की कार्रवाई पर विवाद नहीं है, तो भाजपा तिरंगा यात्रा के माध्यम से जनता को ऐसी कौन-सी ‘जानकारी’ देना चाहती है जिसे सेना ने साझा नहीं किया और जिसे पूरा देश पहले ही स्वीकार कर चुका है?”
उन्होंने आगे कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने पुलवामा हमले के शहीदों की शहादत को चुनावी लाभ के लिए इस्तेमाल किया था और अब वही रणनीति बिहार विधानसभा चुनावों के लिए अपनाई जा रही है। “सेना के शौर्य को राजनीतिक मंच पर भुनाना न केवल अनुचित है, बल्कि यह देश में आतंकवाद के खिलाफ बनी एकता को भी तोड़ने का पाप है,” विद्रोही ने दोटूक कहा।
उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि वे भाजपा की इस तिरंगा यात्रा के पीछे छिपे राजनीतिक षड्यंत्र को समझें और सेना की शौर्यगाथा को राजनीति का माध्यम बनाने के प्रयासों का बहिष्कार करें। “देशहित और समाजहित में जरूरी है कि हम सेना को राजनीति से दूर रखें और उसकी गरिमा बनाए रखें,” उन्होंने जोर देकर कहा।