राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने शनिवार को गांव का दौरा कर ग्रामीणों से किया सीधा संवाद

आयोग हर वर्ग और समुदाय को समान अवसर मिले तथा उनकी गरिमा और अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में निरंतर कार्यरत : प्रियंक कानूनगो

गुरुग्राम, 17 मई। जिला के सोहना खंड स्थित नाई नंगला गाँव के सैन समाज के वे युवा जो पारंपरिक रूप से कुशल हुनर से जुड़े हुए हैं। ऐसे युवाओं के हुनर को अब राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने जा रही है। इस प्रयास में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सहयोगी की भूमिका निभाएगा, जबकि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के माध्यम से युवाओं को कुशलता से प्रशिक्षित किया जाएगा।

इस संदर्भ में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य श्री प्रियंक कानूनगो ने शनिवार को गांव का दौरा कर ग्रामीणों से सीधा संवाद किया। कार्यक्रम में सोहना के एसडीएम संजीव सिंगला, तहसीलदार गुरदेव, खंड शिक्षा अधिकारी डॉ संतोष सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

प्रियंक कानूनगों ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग हर वर्ग और समुदाय को समान अवसर मिले तथा उनकी गरिमा और अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने तथा सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को सशक्त करने की दिशा में निरंतर कार्यरत है। उन्होंने कहा कि सैन समाज, जो पारंपरिक रूप से कुशल हुनर से जुड़ा हुआ है। उसे अब आधुनिक कौशल में पारंगत हो आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि आयोग गांव की युवाशक्ति को हेयर ड्रेसिंग, ब्यूटी केयर, मेकअप आर्ट, पारंपरिक नाईगीरी कला, एवं अन्य स्व-रोजगारोन्मुखी विधाओं में पारंगत करने की प्रक्रिया में सहयोग कर इन्हें एनसीआर जैसे बड़े बाजार क्षेत्र में मजूबती के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में विशेष सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन उनके कौशल रोजगार में वृद्धि करने के लिए गांव में ही प्रशिक्षण शिविर आयोजित करे।

प्रियंक कानूनगो ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के इन सकारात्मक प्रयासों का उद्देश्य सिर्फ रोजगार सृजन नहीं, बल्कि सामाजिक समावेश और गरिमापूर्ण जीवन की दिशा में एक ठोस कदम है। प्रशिक्षण के उपरांत युवाओं को प्रमाण पत्र, किट और ऋण सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की पहुंच के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की गई है। योजना में 18 हस्त व्यवसायों को शामिल किया गया है। जिनमें सुनार, नाव बनाना, शस्त्राकार, लुहार, हथौड़ा व लोहे के औजार बनाना, ताला बनाना, सुनार, कुंभकार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी, चटाई बनाना, गुडि़य़ा व खिलौने बनाना, बारबर, धोबी, दर्जी और मछली पकडऩे के जाल बनाने का काम शामिल है। इस योजना में विभिन्न व्यावसायों से जुड़े दस्तकारों को प्रशिक्षण, टूल किट व बैंक लोन की सुविधा प्रदान की जाएगी। योजना में कारीगर को पहले पीएमविश्वकर्मा.जीओवी.इन पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाना होगा। पंजीकरण के बाद इन कारीगरों की जिला में स्थापित किए गए कौशल विकास केंद्रों में पांच दिन की ट्रेनिंग करवाई जाएगी और टूल किट खरीदने के लिए 15 हजार रूपए का अनुदान दिया जाएगा। छोटे कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहले एक लाख रूपए का लोन दिया जाएगा। जिसको 18 महीनों में पांच प्रतिशत की ब्याज दर से चुकाया जाना है। बैंक ऋण की अदायगी के बाद इन कारीगरों को दोबारा ट्रेनिंग दिलवाई जाएगी। ट्रेनिंग में हर रोज 500 रूपए का स्टाइपेंड दिया जाएगा। तदोपरांत दो लाख रूपए का लोन मिलेगा, जिसकी अदायगी तीस माह में की जानी है।

प्रियंक कानूनगो ने इस दौरान पात्र ग्रामीणों से सरकारी योजनाओं का लाभ लेने का आह्वान करते हुए एसडीएम को आगामी 27 तारीख को गांव में ही विशेष कैम्प का आयोजन कर उनकी समस्याओं के निवारण के निर्देश भी दिए।

कार्यक्रम में संयोजक सुशील वर्मा, बबिता यादव ग्राम सचिव मनोज कुमार सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

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