गुरिंदरजीत सिंह ने उठाई सवालिया आवाज़ — “बिना जानकारी के कैसे होगा जनहित?”

गुरुग्राम : 17 मई 2025 – गुरुग्राम में सीवर जाम एक लंबे समय से गंभीर समस्या बना हुआ है। इस समस्या के समाधान हेतु नगर निगम द्वारा कई इलाकों में नई सीवर लाइन बिछाने का कार्य प्रारंभ किया गया है। अर्जुन नगर निवासी एवं समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह ने इस पहल का स्वागत तो किया, लेकिन साथ ही इसके क्रियान्वयन में पारदर्शिता की कमी को लेकर कड़े सवाल उठाए हैं।
“कार्य अच्छा है, पर जानकारी क्यों छुपाई जा रही है?”
गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि गुरुग्राम की जनता को जलभराव और सीवर जाम जैसी परेशानियों से राहत देने के लिए नई सीवर लाइन बिछाना एक सराहनीय कदम है, लेकिन यह कार्य बिना प्राक्कलन बोर्ड के चल रहा है। उन्होंने कहा कि जब कोई भी सरकारी कार्य शुरू होता है, तो आम जनता को जानकारी देने के लिए साइट पर प्रोजेक्ट बोर्ड (प्राक्कलन सूचना) लगाया जाना चाहिए – जिसमें कार्य की लागत, समयसीमा, ठेकेदार, निगरानी अधिकारी (JE), सुपरवाइज़र और अन्य विवरण स्पष्ट रूप से दर्शाए जाएं।
साइट पर न जेई, न ठेकेदार, न सुपरवाइज़र – “कौन जिम्मेदार?”
गुरिंदरजीत सिंह ने बताया कि जिन जगहों पर कार्य चल रहा है, वहाँ न तो साइट पर कोई जूनियर इंजीनियर (JE) दिखाई देता है, न ही ठेकेदार, और न ही कोई सुपरवाइज़र मौजूद होता है। ऐसे में यह जानना मुश्किल है कि कार्य की जिम्मेदारी किसके पास है। “स्थानीय निवासी यह जान ही नहीं पा रहे कि यह प्रोजेक्ट कब तक पूरा होगा, इसकी लागत क्या है और जवाबदेही किसकी है?” उन्होंने कहा।
“बिना प्राक्कलन बोर्ड के पारदर्शिता की बात कैसे?”
गुरिंदरजीत सिंह ने सवाल उठाया कि जब सरकार बार-बार पारदर्शिता और जवाबदेही की बात करती है, तो फिर इस तरह की परियोजनाओं में जनता को जानकारी से वंचित क्यों रखा जा रहा है? उन्होंने कहा, “अगर कार्य सही है तो जानकारी छुपाने की जरूरत क्या है? बिना सूचना बोर्ड लगाए कार्य करना सीधे-सीधे पारदर्शिता के सिद्धांतों का उल्लंघन है।”
स्थल पर सूचना बोर्ड लगाने की मांग
गुरिंदरजीत सिंह ने नगर निगम गुरुग्राम (MCG), स्थानीय विधायक, पार्षदों तथा सभी प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की है कि किसी भी सार्वजनिक कार्य को शुरू करने से पूर्व स्थल पर प्राक्कलन बोर्ड लगाना अनिवार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि जैसे शिलान्यास के समय नेता जी की तस्वीरों वाले बोर्ड लगते हैं, वैसे ही पारदर्शिता के लिए प्रोजेक्ट विवरण बोर्ड भी लगना चाहिए, ताकि जनता जान सके कि कार्य कौन करवा रहा है, कितने में करवा रहा है और कब तक पूरा होगा।
निष्कर्ष:
गुरुग्राम में बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में उठाए गए कदम सराहनीय हैं, लेकिन इन कार्यों में पारदर्शिता और जनजवाबदेही उतनी ही आवश्यक है। समाजसेवी गुरिंदरजीत सिंह की आवाज़ प्रशासन को यह सोचने पर मजबूर करती है कि “जनहित के कार्यों में जनभागीदारी और जनजानकारी क्यों नहीं?”