चंडीगढ़, 27 मई। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राज्य में बीजेपी की नीतियों और भर्ती प्रक्रियाओं ने हजारों युवाओं के भविष्य के साथ खुला खिलवाड़ किया है। हाईकोर्ट के ताजा फैसले ने इन अनियमितताओं पर एक बार फिर मुहर लगा दी है।
हुड्डा ने कहा, “हाई कोर्ट ने 2019 के बाद की गई सभी भर्तियों पर सवाल उठाते हुए उनके परिणाम दोबारा जारी करने के निर्देश दिए हैं। इससे साफ है कि सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में गलत नियमों का इस्तेमाल किया और युवाओं को गुमराह किया।”
भ्रष्टाचार और अस्थिरता की शिकार बनी भर्तियां
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक आधार पर अंक देने की जो नीति बीजेपी सरकार ने अपनाई, वह कोर्ट में टिक नहीं पाई। उन्होंने पूछा कि “आख़िर सरकार में बैठे वो कौन लोग हैं जो ऐसी नीतियाँ बनाते हैं जो अदालतों में टिक ही नहीं पातीं?” उन्होंने चिंता जताई कि जिन युवाओं को वर्षों की मेहनत के बाद नौकरी मिली थी, अब उनकी नौकरी पर भी संकट मंडरा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बीजेपी के शासनकाल में भर्तियों को जानबूझकर उलझाया गया। उन्होंने कहा, “नियमों में ऐसे लूपहोल छोड़े जाते हैं कि मामला कोर्ट में जाकर अटक जाए और फिर सरकार युवाओं को नौकरी न देने का बहाना बना सके।” उन्होंने दावा किया कि हरियाणा में वर्तमान में 2 लाख से ज्यादा सरकारी पद रिक्त पड़े हैं।
“कांग्रेस सरकार की भर्तियां बनीं मिसाल, बीजेपी एक भी गड़बड़ी साबित नहीं कर पाई”
हुड्डा ने दावा किया कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में दो लाख से अधिक युवाओं को पक्की नौकरियां दी गई थीं। कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने की ऐतिहासिक नीति बनाई गई थी, जिसे अदालत ने भी सही ठहराया है।
उन्होंने कहा, “बीजेपी लाख कोशिशें कर चुकी, लेकिन कांग्रेस के दौरान हुई एक भी भर्ती में कोई गड़बड़ी साबित नहीं कर सकी।” इसके विपरीत, बीजेपी राज में की गई भर्तियां न्यायिक कसौटी पर बार-बार विफल साबित हुई हैं।
कौशल निगम की नौकरियों पर भी संकट
हुड्डा ने कौशल विकास निगम के तहत नियुक्त कर्मियों की स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि “बीजेपी सरकार ने पहले इन्हें नियमित करने का वादा किया और अब एक-एक कर इन्हें काम से हटाया जा रहा है।” संविदा पर रखे गए कर्मचारियों को कौशल निगम में मर्ज करके जिस स्थायित्व का वादा किया गया था, वह अब पूरी तरह से खोखला साबित हो रहा है।
“जनता को गुमराह कर चुनावी लाभ उठाया”
हुड्डा ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि “चुनाव के समय कई भर्तियों के रिजल्ट रोक दिए गए, कौशल कर्मियों को भ्रम में रखकर झूठे वादे किए गए और हजारों परिवारों से वोट बटोर लिए गए।” उन्होंने कहा कि अब वही परिवार ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं और बीजेपी पर भरोसा जताने की कीमत चुका रहे हैं।
उपसंहार
हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने सड़क से लेकर संसद तक लगातार इस सरकार की नीतियों का विरोध किया और जनता को चेताया कि बीजेपी का मकसद नौकरी देना नहीं, बल्कि नौकरी छीनना है। उन्होंने कहा कि अब जब हाई कोर्ट के फैसले सामने आ रहे हैं, तो सरकार को युवाओं से माफी मांगनी चाहिए और पारदर्शिता के साथ दोबारा भर्तियों की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।