गुड़गांव, 27 मई: कल कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेत्री पर्ल चौधरी द्वारा उठाई गई आवाज के बाद आज हरियाणा सरकार ने हरियाणा पुलिस के होम गार्ड जवानों की अप्रैल महीने की लंबित सैलरी को आखिरकार जारी कर दिया है। यह मुद्दा पिछले कई दिनों से गरमा रहा था, जब गुड़गांव सहित कई जिलों में होम गार्डों को अप्रैल माह का वेतन अब तक नहीं मिला था।

पर्ल चौधरी का दबाव लाया असर
26 मई को कांग्रेस की तेजतर्रार नेत्री पर्ल चौधरी ने मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री नायब सिंह सैनी को सीधे संबोधित करते हुए 24 घंटे के भीतर सैलरी जारी करने की माँग की थी। उन्होंने यह भी सवाल उठाया था कि जब SHO, DCP, SP और पुलिस कमिश्नर को समय पर वेतन मिल सकता है, तो मेहनतकश होम गार्डों के साथ यह भेदभाव क्यों?

उनकी इस तीखी आलोचना के 24 घंटे के भीतर ही हरियाणा सरकार और पुलिस प्रशासन हरकत में आया और होम गार्ड जवानों की अप्रैल की सैलरी बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी गई।

पर्ल चौधरी ने दी भविष्य के लिए चेतावनी
पत्रकारों से खास बातचीत में पर्ल चौधरी ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद करती हूँ कि उन्होंने हमारी आवाज सुनी, लेकिन यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई। आज 27 तारीख है और मई महीने की तनख्वाह अब सिर्फ कुछ दिनों में बनकर तैयार होनी चाहिए। मैं फिर दोहराती हूँ — जब तक होम गार्डों की सैलरी उनके खातों में नहीं जाती, तब तक SHO, DCP, SP, कमिश्नर जैसे किसी वरिष्ठ अधिकारी को सैलरी नहीं दी जानी चाहिए। ये सिर्फ वेतन का मामला नहीं, ये सम्मान और व्यवस्था की प्राथमिकता का सवाल है।”

कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर लगातार सरकार को घेरने की रणनीति में है। पर्ल चौधरी की यह सक्रियता न केवल प्रशासन को झकझोरने का काम कर रही है, बल्कि यह विपक्ष की जनहित में आवाज़ उठाने की नई शैली को भी दर्शाती है — सीधी, स्पष्ट और साहसिक।

सरकार के लिए चेतावनी की घंटी?
इस घटनाक्रम ने यह संदेश जरूर दिया है कि सरकार को अब निचले स्तर के सुरक्षाकर्मियों की भी समस्याओं को प्राथमिकता से सुनना होगा। अगर समय पर वेतन नहीं मिला तो अब सवाल सिर्फ विपक्ष नहीं, आम जनता भी पूछेगी।

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