चंडीगढ़,रेवाड़ी, 28 मई 2025 -स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर सरकारी भर्तियों को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा ग्रुप C व D की नौकरियों में सामाजिक-आर्थिक आधार पर दिए जा रहे अतिरिक्त 10 अंकों को अवैध करार दिए जाने के बाद, सरकार ने जनता का ध्यान भटकाने के लिए CET परीक्षा की घोषणा की है, जबकि वास्तविक मुद्दों को छुपाया जा रहा है।

विद्रोही ने सवाल उठाया कि सरकार द्वारा घोषित CET परीक्षा के लिए न तो परीक्षा की तिथि बताई गई है और न ही यह स्पष्ट किया गया है कि किन विभागों में कितने पदों के लिए यह परीक्षा होगी। उन्होंने कहा कि यह अस्पष्टता यह साबित करती है कि भाजपा सरकार वास्तव में दो लाख रिक्त पदों को भरना नहीं चाहती, बल्कि 2029 के चुनावों तक युवाओं को झांसे में रखकर राजनीतिक लाभ उठाने की तैयारी कर रही है।

उन्होंने याद दिलाया कि 2019 में हुई CET परीक्षा के आधार पर नियुक्तियां भी विधानसभा और लोकसभा चुनाव 2024 के आस-पास ही की गई थीं, और अब वही रणनीति दोहराई जा रही है।

विद्रोही ने आरोप लगाया कि पिछले 11 वर्षों में जितनी भी सरकारी भर्तियां हुई हैं, उनमें से 31 भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि 90 प्रतिशत से अधिक नियुक्तियां ऐसे ही लीक पेपरों के आधार पर की गईं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा शासन में सरकारी भर्तियों में भारी भ्रष्टाचार व्याप्त है।

उन्होंने भाजपा सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि यदि सरकार को अपनी पारदर्शिता पर विश्वास है, तो पिछले 11 वर्षों में हुई प्रथम व द्वितीय श्रेणी की भर्तियों की सूची सार्वजनिक की जाए — जिसमें चयनित उम्मीदवारों का नाम, स्थायी पता, मैट्रिकुलेशन स्कूल का नाम आदि विवरण सम्मिलित हों। विद्रोही का कहना है कि इससे स्पष्ट हो जाएगा कि अनेक उच्च पदों पर बाहरी युवाओं की नियुक्तियां ‘पर्ची-खर्ची’ और ‘मोटा माल’ लेकर की गई हैं।

अंत में, विद्रोही ने तीखे शब्दों में कहा, “हरियाणा में अब तक की लगभग सभी सरकारी भर्तियां संघी नेटवर्क के माध्यम से पैसे लेकर हुई हैं। इससे युवाओं का भविष्य अंधकार में धकेला गया है और प्रदेश की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।”

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