चंडीगढ़, 28 मई। हरियाणा में नशे की बढ़ती समस्या को लेकर कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही और निष्क्रियता के चलते प्रदेश में नशा माफिया पूरी तरह बेलगाम हो चुका है, जिससे कानून-व्यवस्था चरमरा गई है और युवा पीढ़ी अंधकार की ओर बढ़ रही है।

कुमारी सैलजा ने सवाल उठाया कि जब सरकार ने नशा रोकने के लिए कई सेल गठित किए हैं, तब भी गांव-गांव और शहर-शहर नशा क्यों धड़ल्ले से बिक रहा है? उन्होंने कहा कि पहले नशा पंजाब से सटे सीमावर्ती जिलों तक सीमित था, लेकिन अब यह पूरे हरियाणा में अपनी जड़ें जमा चुका है। आज स्थिति यह है कि गांवों तक में नशे का सामान आसानी से उपलब्ध है और युवा खुलेआम स्मैक और नशीले इंजेक्शन का सेवन करते देखे जा सकते हैं।

स्मैक के धुएं में झुलस रही जवानी
सैलजा ने बताया कि नशे का जहर युवाओं की रगों में घुल चुका है। कॉलेजों और स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। शुरुआत में “शौक” के नाम पर दिए गए नशे की आदत इतनी गहरी हो जाती है कि छात्र धीरे-धीरे इसकी गिरफ्त में आकर जीवन बर्बाद कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि सिरसा जिले में स्थिति बेहद गंभीर है, जहां हर माह नशे से किसी न किसी युवा की मौत हो रही है। रोडी क्षेत्र और फतेहाबाद जिला भी नशे की गिरफ्त में है, वहीं हांसी में पिछले तीन दिनों में तीन युवाओं की ओवरडोज़ से मौत राज्य में व्याप्त भयावहता को उजागर करती है।

सरकार की संवेदनहीनता पर उठाए सवाल
सांसद ने कहा कि हर मृतक के पास से सिरिंज मिलना और उनका खुलेआम लावारिस हाल में पाया जाना इस बात का सबूत है कि प्रदेश सरकार पूरी तरह से विफल और संवेदनहीन बन चुकी है। उन्होंने मांग की कि नशा माफिया पर तुरंत कठोर कार्रवाई की जाए, नशा वितरण और खपत पर रोक लगाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए और मृतकों के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए निष्पक्ष जांच करवाई जाए।

युवाओं के लिए पुनर्वास केंद्रों की जरूरत
कुमारी सैलजा ने सुझाव दिया कि युवाओं को नशे की गिरफ्त से निकालने के लिए नशामुक्ति और पुनर्वास केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए तथा इनके संचालन में पारदर्शिता और विशेषज्ञता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने सरकार से पूछा, “आज हर पीड़ित परिवार पूछ रहा है कि उनके बच्चे नशे की चपेट में क्यों आ रहे हैं और सरकार आखिर कब तक मूकदर्शक बनी रहेगी?”

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