“100 दिन” की बात भी निकली जुमला, सफाई व्यवस्था हुई फेल

गुरुग्राम। देश की राजधानी दिल्ली से सटे एनसीआर का प्रमुख शहर गुरुग्राम इस समय बुनियादी सुविधाओं के संकट से जूझ रहा है। शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। जनता का कहना है कि नया जनप्रतिनिधि आने के बावजूद शहर के हालात न सुधरे हैं, न ही ज़मीनी स्तर पर कोई बड़ा परिवर्तन दिख रहा है। हालात पहले से भी अधिक खराब हो चले हैं।

गुरुग्राम की हालत दिन-ब-दिन बद से बदतर
अर्जुन नगर निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह ने नगर निगम और जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि, “गुरुग्राम की भोली-भाली जनता ने डबल इंजन नहीं, ट्रिपल इंजन सरकार चुनकर विकास की उम्मीद की थी, लेकिन परिणाम निराशाजनक हैं। नया चौकीदार तो चुन लिया, लेकिन शहर की हालत जस की तस है — बल्कि और भी बिगड़ गई है।”

“100 दिन में सफाई” का वादा भी निकला जुमला
गुरिंदरजीत सिंह ने कहा, “विधायक मुकेश शर्मा ने कहा था कि 100 दिन में गुरुग्राम की सफाई व्यवस्था सुधार दी जाएगी, लेकिन हकीकत यह है कि जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं।”
उन्होंने बताया कि मदन पुरी रोड पर पब्लिक हेल्थ ऑफिस के सामने लंबे समय से कूड़े की ट्रॉली खड़ी है, जिससे राहगीरों को भारी परेशानी हो रही है। कई बार शिकायतें करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही।

लोकप्रियता की होड़, ज़मीनी विकास नदारद
गुरिंदरजीत सिंह ने कटाक्ष करते हुए कहा कि वर्तमान विधायक का कार्यकाल स्वागत, वाहवाही और सोशल मीडिया प्रचार की भेंट चढ़ता दिख रहा है। “पिछले विधायक के बारे में जनता को यह भी नहीं पता चला कि वे पाँच साल तक कहां रहे। अब जो नए विधायक हैं, वो सोशल मीडिया, पोस्टरों और मंचों की शोभा बढ़ाने में तो आगे हैं, पर ज़मीनी कार्य अभी भी गायब हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक ने अपने परिजनों को ‘छोटे विधायक’ की भूमिका दे रखी है, जो जगह-जगह धार्मिक आयोजनों, भंडारों और उद्घाटनों में व्यस्त हैं। जनता अब यह पूछ रही है कि क्या उनके प्रतिनिधि विकास के लिए चुने गए थे या केवल धार्मिक आयोजनों में भाग लेने के लिए?

बरसात से पहले नहीं हुए जरूरी कार्य
गुरिंदरजीत सिंह ने चिंता जताई कि मानसून सिर पर है, लेकिन नालियों की सफाई, जल निकासी और सड़क मरम्मत जैसे कार्य अभी तक शुरू नहीं हुए हैं। “कुछ एक-दो जगहों पर काम दिख रहा है, पर यह नाकाफी है। बरसात आते ही हालात और भी बदतर हो सकते हैं।”

कूड़े के ढेर और टूटी सड़कों से त्रस्त जनता
शहर के लगभग हर सेक्टर और कॉलोनी में कूड़े के ढेर, टूटी सड़कों और जलभराव की स्थिति गंभीर होती जा रही है। कूड़ा उठाने वाली गाड़ियाँ समय पर नहीं आतीं, जिससे लोगों को दुर्गंध और गंदगी झेलनी पड़ रही है। “स्मार्ट सिटी के नाम पर केवल दिखावा हो रहा है, असल में कोई ठोस कार्य नहीं दिखता,” सिंह ने कहा।

“क्या अब भगवान भरोसे ही चलेंगी सुविधाएं?”
जनता का सवाल है — क्या अब सफाई, ट्रैफिक और बुनियादी सुविधाएं भी भगवान भरोसे चलेंगी? क्या जनप्रतिनिधियों की प्राथमिकता धार्मिक आयोजन ही रह गए हैं?

प्रशासन और विधायक से जवाबदेही की मांग
अंत में गुरिंदरजीत सिंह ने शासन-प्रशासन और विधायक से अपील की कि वे जनता को केवल आश्वासन न दें, बल्कि धरातल पर कार्य करें। उन्होंने गौ माता के सड़कों पर कूड़ा खाते हुए देखे जाने पर भी चिंता जताई और मांग की कि उचित व्यवस्था कर इन्हें गौशालाओं में भेजा जाए। “अब बदलाव नहीं, जवाबदेही चाहिए,” उन्होंने दोहराया।

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