डीसी अजय कुमार ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं अभियान और वन स्टॉप सेंटर आदि की प्रगति की समीक्षा
डीसीअजय कुमार ने दिए निर्देश, आरसीएच आईडी के बिना अल्ट्रासाउंड करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
गुरुग्राम, 30 मई: डीसी अजय कुमार की अध्यक्षता में “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत जारी योजनाओं और वन स्टॉप सेंटर की प्रगति की समीक्षा के लिए शुक्रवार को लघु सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में जिला स्तरीय टास्क फाॅर्स की बैठक हुई। इस बैठक में महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, सामाजिक संगठन व विशेषज्ञ शामिल हुए।
डीसी अजय कुमार ने लिंगानुपात में सुधार के लिए स्वास्थ्य व महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी गर्भवती महिलाओं का आरसीएच पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है। बिना आरसीएच आईडी के अस्पताल या अल्ट्रासाउंड केंद्र द्वारा अल्ट्रासाउंड किए जाने पर संबंधित संस्थान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अवैध रूप से एमटीपी किट बेचने वालों पर सख्त कदम उठाए जाएंगे। डीसी ने आमजन से भी अपील करते हुए कहा कि यदि किसी मेडिकल स्टोर पर एमटीपी किट अवैध रूप से बेची जा रही हो, तो उसकी सूचना तत्काल जिला प्रशासन को दें। ऐसे मेडिकल स्टोर पर भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल विभाग तथा सामाजिक संस्था ब्रेकथ्रू द्वारा अप्रैल-जून तिमाही में किए गए प्रयासों की विस्तृत प्रस्तुति दी गई। जागरूकता अभियान, स्वास्थ्य शिविर, प्रेरक कार्यक्रम और खेल आयोजनों की सफलता को साझा किया गया। डीसी ने इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि बेटियों का उज्जवल भविष्य तभी सुनिश्चित हो सकता है जब नीति से लेकर जमीनी क्रियान्वयन तक निरंतर और प्रभावी कार्य किए जाएं।
डीसी ने 2024 के आंकड़ों के आधार पर चिन्हित 11 कम लिंगानुपात वाले गांवों की स्थिति पर विचार-विमर्श करते हुए निर्देश दिए कि सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने, निगरानी तंत्र मजबूत करने और पंचायत स्तर पर संवाद प्रक्रिया को सक्रिय करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। साथ ही लिंगानुपात सुधारने वाले गांवों को सम्मानित करने की योजना भी बनाई गई।
बैठक में बेटियों के नाम वृक्षारोपण अभियान, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण, सरपंचों के लिए जागरूकता कार्यशालाएं और बेटियों के हित में उत्कृष्ट कार्य करने वालों का सम्मान शामिल कई महत्वपूर्ण गतिविधियों की मंजूरी दी गई। इन पहलुओं से समाज में बेटियों के प्रति सम्मान और सहयोग की भावना और प्रबल होगी।
उन्होंने वन स्टॉप सेंटर द्वारा प्रदान की जाने वाली न्याय, परामर्श, चिकित्सा और पुलिस सहायता जैसी सेवाओं की कार्यप्रणाली की समीक्षा की गई। सी-डैक सिस्टम के प्रभावी संचालन के लिए स्वास्थ्य, पुलिस और साइबर विभागों से नोडल अधिकारियों को नियुक्त करने के निर्देश दिए ताकि महिलाओं को त्वरित और समन्वित सहायता मिल सके।
डीसी ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कोई केवल सरकारी योजना नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव लाने का कार्यक्रम है। जब बेटियां समान अवसर पाएंगी और आगे बढ़ेंगी, तभी हमारा समाज और देश प्रगति की ओर बढ़ेगा।उन्होंने प्रशासन की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि बेटियों के विकास के लिए हर संभव प्रयास जारी रहेंगे।
बैठक में हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) की संयुक्त निदेशक ज्योति नागपाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी सिमरन, वन स्टॉप सेंटर की इंचार्ज पिंकी मलिक, महिला एवं बाल परियोजना अधिकारी मुनीश कुमारी और अनुपमा, असिस्टेंट जितेंद्र सहित जिले के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे