व्हाट्सएप के ज़रिए कंपनी अकाउंटेंट से 1.60 करोड़ रुपये की ठगी, अंतरराज्यीय नेटवर्क का भंडाफोड़

गुरुग्राम, 2 जून 2025 – गुरुग्राम साइबर थाना (दक्षिण) की पुलिस टीम ने साइबर ठगी के एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरोह व्हाट्सएप के ज़रिए खुद को कंपनी का मालिक बताकर अकाउंटेंट से 1.60 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका था। यह रकम विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी। इस मामले में दिल्ली और बिहार से आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है।

मामले की शुरुआत: मालिक बनकर ठगी

दिनांक 27 मई को एक निजी कंपनी के अकाउंटेंट ने शिकायत दी थी कि उसे किसी अज्ञात व्यक्ति ने व्हाट्सएप पर खुद को कंपनी का मालिक बताकर आदेश दिए और उसने 19 मई से 27 मई के बीच कंपनी के खाते से करोड़ों रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिए। इस पर साइबर थाना दक्षिण में IPC और आईटी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया गया।

पहला बड़ा एक्शन: दिल्ली से 4 आरोपी गिरफ्तार

प्रभारी निरीक्षक नवीन कुमार की टीम ने तकनीकी जांच और बैंक ट्रांजैक्शनों के आधार पर दिल्ली से 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया:

  1. गौरव (दिल्ली कैंट)
  2. जतिन शर्मा (सिद्धार्थ इंक्लेव)
  3. शिवम् (मीठापुर, बदरपुर)
  4. अंकित (हरी नगर एक्सटेंशन, बदरपुर)

इन आरोपियों ने ठगी में इस्तेमाल किए गए बैंक खातों को कमीशन पर साइबर ठगों को बेचा था।

  • गौरव के खाते में 29.60 लाख रुपये ट्रांसफर हुए थे।
  • जतिन ने गौरव से खाता खरीदकर 4% कमीशन पर आगे बेचा था।
  • शिवम् के खाते में 32.50 लाख रुपये आए थे, जो उसने 10,000 रुपये में अंकित को बेचा था।

इन खातों को साइबर ठगों द्वारा व्हाट्सएप के ज़रिए भेजे गए निर्देशों पर पैसे ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल किया गया।

बड़ा खुलासा: सिवान (बिहार) में चल रहा था ठगी का कॉल सेंटर

गहन तकनीकी विश्लेषण से पुलिस को ठगी के तार बिहार के सिवान जिले से जुड़ते दिखे। 2 जून को पुलिस टीम ने सिवान में रेड की तो एक कमरे में 5 युवक लैपटॉप और मोबाइल से बैंक ट्रांजैक्शन करते हुए पकड़े गए।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान इस प्रकार हुई:

  1. आफताब
  2. मोहम्मद आरिफ
  3. ईरशाद हुसैन
  4. वजीर अली
  5. अमलेश कुमार
    (सभी निवासी खैरथल, पचौरा, सिवान)

इन सभी का एक साथी उन्हें अलग-अलग बैंक खाते उपलब्ध कराता था और यह गिरोह ठगी की रकम को विभिन्न खातों में ट्रांसफर करता था। बदले में इन्हें हर महीने ₹20,000 वेतन और 10% कमीशन मिलता था।

बरामदगी और अब तक की कार्यवाही

गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने कुल:

  • 17 मोबाइल फोन
  • 03 लैपटॉप
  • 02 एटीएम कार्ड
  • ₹5,000 नकद बरामद किए हैं।

अब तक इस पूरे प्रकरण में कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है।

???? पुलिस का बयान

प्रियांशु दीवान (HPS) सहायक पुलिस आयुक्त (साइबर अपराध), गुरुग्राम के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई को साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।
पुलिस का कहना है कि इस प्रकार के मामलों में बैंक खाते बेचना या किराए पर देना भी कानूनन अपराध है और इससे जुड़े प्रत्येक व्यक्ति पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।

???? सावधानी ही सुरक्षा

  • कोई भी व्हाट्सएप संदेश मिलने पर बिना सत्यापन पैसे ट्रांसफर न करें।
  • अपने बैंक खाते किसी भी व्यक्ति को न बेचें या किराए पर न दें।
  • संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें।
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