गुरुग्राम, 4 जून 2025 — मेट्रो सिटी कहे जाने वाले गुरुग्राम में इन दिनों नागरिक बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं। अर्जुन नगर सहित कई कॉलोनियों में बीते 5-6 दिनों से गंदा, बदबूदार और मटमैला पानी सप्लाई किया जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों में नाराज़गी है। समाजसेवी और इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह ने इस गंभीर समस्या को लेकर नगर निगम और प्रशासन को घेरा है।

गुरिंदरजीत सिंह ने बताया कि उन्हें अर्जुन नगर के दर्जनों लोगों ने शिकायतें दी हैं कि उनके घरों में नलों से ऐसा पानी आ रहा है, जिससे ना केवल पीना, बल्कि कपड़े धोना और बर्तन साफ करना भी असंभव हो गया है। पानी से तेज़ बदबू आ रही है और उसमें मिट्टी और मटमैलेपन की मात्रा इस कदर है कि लोगों को बोतलबंद पानी खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

उन्होंने बताया कि कई बार तो ऐसा पानी आता है जैसे सीवरेज का हो। उन्होंने नगर निगम के जूनियर इंजीनियर को फोन पर इस बारे में अवगत कराया, साथ ही क्षेत्रीय पार्षद, विधायक की टीम और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को भी सूचित किया, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ।

जनता को नहीं मिल रही राहत, पोर्टल भी बंद

गुरिंदरजीत सिंह ने बताया कि जब उन्होंने शिकायत दर्ज कराने के लिए MCG/GMDA के ‘MyGurugram’ पोर्टल और एप का सहारा लिया, तो वार्ड नंबर ही उपलब्ध नहीं थे। एप से शिकायत दर्ज नहीं हो पा रही थी। मजबूर होकर उन्होंने MCG के व्हाट्सएप नंबर पर शिकायत भेजी और फेसबुक पर वीडियो पोस्ट कर अधिकारियों को टैग किया।

शासन-प्रशासन से की तत्काल समाधान की मांग

गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि यह शर्मनाक है कि गुरुग्राम जैसे शहर में ट्रिपल इंजन की सरकार होने के बावजूद नागरिक पीने के पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “गर्मियों में वैसे ही जल संकट होता है, ऊपर से गंदा और दूषित पानी लोगों की सेहत के लिए खतरा है।”

उन्होंने गुरुग्राम के विधायक मुकेश शर्मा, मेयर श्रीमती राज रानी, पार्षदगण, नगर निगम आयुक्त और उपायुक्त से अपील की है कि तुरंत और प्रभावी कदम उठाए जाएं, ताकि शहरवासियों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल मुहैया कराया जा सके।

“जल आपूर्ति सरकार की बुनियादी ज़िम्मेदारी”

गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि सरकार की यह नैतिक व संवैधानिक ज़िम्मेदारी है कि वह नागरिकों को स्वच्छ जल उपलब्ध कराए। “आख़िर कब तक गुरुग्राम की जनता बोतलबंद पानी खरीदकर प्यास बुझाएगी?” उन्होंने कहा कि यह मुद्दा केवल एक कॉलोनी का नहीं बल्कि पूरे शहर की चिंता का विषय है।

गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब गुरुग्राम में गंदे पानी की शिकायतें सामने आई हों। लेकिन इस बार नागरिकों का धैर्य जवाब दे रहा है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर समस्या पर कितनी तेजी से और कितनी संजीदगी से कार्रवाई करता है।

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