स्वर्ण जयंती पार्क में पेड़ों के सड़ने से पर्यावरण को भारी नुकसान, विश्व पर्यावरण दिवस पर उठाई चिंता

गुरुग्राम, 5 जून 2025 – विश्व पर्यावरण दिवस पर सरकार जहां ‘एक पेड़ माँ के नाम’ जैसे अभियानों के जरिए हरियाणा में हरित क्रांति की बात कर रही है, वहीं गुरुग्राम के सेक्टर-31 स्थित स्वर्ण जयंती पार्क की बदहाली ने सरकार के दावों की पोल खोल दी है।
संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम के अध्यक्ष एवं जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान चौधरी संतोख सिंह ने गुरुवार को कहा कि सरकार की अनदेखी के चलते ग्रीन बेल्ट में खड़े बड़े-बड़े पेड़ सड़कर गिर रहे हैं, जिससे पर्यावरण को गंभीर क्षति हो रही है। उन्होंने बताया कि झाड़सा चौक के पास स्थित इस ग्रीन बेल्ट में लंबे समय से गंदा पानी जमा है, जिससे न केवल हरियाली नष्ट हो रही है बल्कि मच्छरों और अन्य कीटों का प्रकोप भी बढ़ रहा है।
चौधरी संतोख सिंह ने बताया कि हरियाणा सरकार ने राज्य की स्वर्ण जयंती के अवसर पर इस क्षेत्र को “स्वर्ण जयंती पार्क” के रूप में विकसित किया था। शुरूआत में यहां नागरिकों के लिए ट्रैक, साफ-सफाई और हरियाली का अच्छा प्रबंध था, लेकिन बीते 10 वर्षों से पार्क की हालत जर्जर हो चुकी है।
“सरकार एक ओर पेड़ लगाने की अपील करती है और दूसरी ओर लगे-लगाए पेड़ प्रशासनिक लापरवाही के कारण सड़कर गिर रहे हैं। यह सरकार की कथनी और करनी में फर्क को दर्शाता है,” – चौधरी संतोख सिंह

उन्होंने कहा कि इस संबंध में कई बार नगर निगम और संबंधित अधिकारियों को शिकायतें दी गईं, यहां तक कि मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल “सीएम विंडो” पर भी शिकायत की गई थी, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है।
मांगे और सुझाव
चौधरी संतोख सिंह ने सरकार से मांग की कि:
- स्वर्ण जयंती पार्क में जल निकासी की उचित व्यवस्था की जाए।
- नियमित सफाई और रखरखाव सुनिश्चित किया जाए।
- पेड़ों की संरक्षा और पर्यावरण संतुलन के लिए स्थायी योजना बनाई जाए।
उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस का सही अर्थ तभी सार्थक होगा, जब सरकार और प्रशासन केवल प्रचार न करें बल्कि वास्तविक संरक्षण के कार्यों पर अमल करें।