संगठन मंत्री ने भाजपा कार्यालय में पौधा रोपित कर प्रकृति और मातृत्व दोनों को किया नमन, पर सवालों में घिरी उपस्थिति

चंडीगढ़ / गुरुग्राम, 5 जून। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के संगठन मंत्री फणीन्द्रनाथ शर्मा ने गुरुवार को गुरुग्राम स्थित भाजपा कार्यालय ‘गुरु कमल’ में पौधा रोपण कर “एक पेड़ मां के नाम” अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने प्रकृति और मातृत्व दोनों को नमन करते हुए भावनात्मक और पर्यावरणीय संदेश दिया।

श्री शर्मा ने कहा कि यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से शुरू किया गया है, जो हमें यह स्मरण कराता है कि जिस प्रकार मां हमें जीवन देती है, उसी प्रकार वृक्ष भी जीवनदाता हैं। उन्होंने कहा, “विकसित भारत के साथ हमें हरित भारत भी बनाना है। पर्यावरण संरक्षण के बिना विकास का कोई भी संकल्प अधूरा है।”

हर कार्यकर्ता बने पर्यावरण संरक्षक

संगठन मंत्री ने भाजपा कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि वे केवल पौधे लगाएं ही नहीं, बल्कि उनकी देखभाल और सुरक्षा का भी संकल्प लें। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह आंदोलन तभी सफल होगा जब हर व्यक्ति इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाए। “हर पौधा, मां के आशीर्वाद के रूप में पले–बढ़े — यही हमारी कामना है,” उन्होंने कहा।

कार्यक्रम में उपस्थिति अपेक्षा के अनुरूप नहीं ! उठे सवाल ?

हालांकि कार्यक्रम का संदेश सशक्त और प्रेरणादायक रहा, लेकिन ‘गुरु कमल’ कार्यालय में इसकी उपस्थिति अपेक्षा के अनुरूप नहीं रही। जिला अध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष जैसे प्रमुख नेताओं की अनुपस्थिति स्पष्ट रूप से महसूस की गई। कार्यक्रम में केवल चंद स्थानीय कार्यकर्ता ही मौजूद थे। इस सीमित भागीदारी ने पार्टी की अंदरूनी सक्रियता और संगठनात्मक तालमेल को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “जहां संगठन मंत्री खुद मौजूद हों, वहां जिला और मंडल स्तर के प्रमुख पदाधिकारियों की गैरमौजूदगी खटकने वाली है। यह केवल एक पर्यावरणीय कार्यक्रम नहीं, बल्कि संगठनात्मक एकता का भी अवसर था।”

इन वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी

कार्यक्रम में वरिष्ठ नेता सुनील कोहली, कार्यालय सचिव यादराम जोया, जयवीर यादव, मनीष सैदपुर, हितैष भारद्वाज, मनीष चौधरी आदि मौजूद रहे। इन कार्यकर्ताओं ने पौधा रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया और लोगों से इस अभियान से जुड़ने की अपील की।

निष्कर्ष

‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसा अभियान निःसंदेह प्रेरणादायक है और समाज को भावनात्मक रूप से जोड़ने का सशक्त माध्यम भी। लेकिन यदि इस प्रकार के कार्यक्रमों में संगठनात्मक स्तर पर उपेक्षा दिखेगी तो इसका संदेश कमजोर पड़ सकता है। आने वाले समय में यदि भाजपा अपने पर्यावरणीय और संगठनात्मक संकल्प को एकजुटता के साथ आगे बढ़ाना चाहती है, तो ऐसे आयोजनों में नेतृत्व स्तर की सहभागिता अत्यंत आवश्यक होगी।

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