मानसून पूर्व प्रबंधन कार्यों में आई तेजी
चंडीगढ़, 11 जून– हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन की वित्तीय आयुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा ने आगामी मानसून से पहले राज्य की तैयारियों को लेकर आज आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
सभी उपायुक्तों के साथ हुई इस बैठक में डॉ. मिश्रा ने बाढ़ से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध किए जाने और रणनीतिक दृष्टिकोण पर जोर दिया, गुणवत्तापूर्ण साइट निरीक्षण, समय पर सभी तैयारी करने का निर्देश दिया।
डॉ. मिश्रा ने उपायुक्तों को जमीनी स्तर पर मॉक ड्रिल सहित व्यापक आकस्मिक योजना सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को सभी पंपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और मैनपावर का सही इस्तेमाल, बाढ़-ग्रस्त हॉटस्पॉट की पहचान करने और प्रत्येक महत्वपूर्ण क्षेत्र के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को नामित करने का निर्देश दिया। शहरी जलभराव को रोकने पर विशेष ध्यान देने के साथ पंप ऑपरेटरों और सहायक कर्मचारियों की उपस्थिति और तैनाती पर बारीकी से नजर रखने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने उपायुक्तों को सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग (पीएचईडी) और शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) की देखरेख करने का निर्देश दिया, ताकि उनके अधिकार क्षेत्र के तहत शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में वर्षा के पानी की निकासी आसानी से हो सके।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के स्पष्ट निर्देश हैं कि इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के संबंध में किसी भी तरह की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी।
बैठक के दौरान बताया गया कि हरियाणा ने 10 जून तक लक्षित 4,097.41 किलोमीटर ड्रेन नेटवर्क में से लगभग 78 प्रतिशत निकासी को प्राप्त करते हुए ड्रेन डिसिल्टिंग गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जो 27 मई को दर्ज किए गए 19.20 प्रतिशत से उल्लेखनीय वृद्धि है। डॉ. मिश्रा ने 100 प्रतिशत ड्रेन क्लीयरेंस हासिल करने के लिए 20 जून, 2025 की एक निश्चित समय सीमा तय की है। समीक्षा में कहा गया है कि विभागीय मशीनरी, मनरेगा कार्यकर्ताओं और ई-टेंडरिंग प्रक्रियाओं के समन्वित प्रयास से वित्त वर्ष 2025 तक 868 में से 672 नालों की सफाई कर दी गई है। भूमि सुधार और विकास निगम (एलआरडीसी) ने 82.51 प्रतिशत काम पूरा होने की सूचना दी है, जबकि भाखड़ा जल सेवा (बीडब्ल्यूएस) ने 76.62 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है।
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग ने अपनी तैयारियों का प्रदर्शन किया, जिसमें 553.22 किलोमीटर एचडीपीई पाइपलाइनों और डीजल, इलेक्ट्रिक और वीटी मोबाइल इकाइयों सहित 2,401 पंपों की मजबूत सूची है, जो तेजी से तैनाती के लिए तैयार हैं।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि हमारी बड़ी प्राथमिकता मानसून से संबंधित जोखिमों से समुदायों और कृषि भूमि की सुरक्षा है।
सिंचाई आयुक्त और सचिव श्री मोहम्मद शायिन ने बैठक में राज्य की आबादी और कृषि भूमि की सुरक्षा के लिए चल रहे प्रयासों से अवगत कराया। विभाग वर्तमान में 282.95 करोड़ रुपये की लागत वाली 209 अल्पकालिक बाढ़ सुरक्षा परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है, जिनमें से अधिकांश को 30 जून, 2025 तक पूरा करने की योजना है।