सिंचाई विभाग में भ्रष्टाचार को बताया सबसे बड़ा उदाहरण, कहा – बाढ़ से पहले और बाद में भी होता है घोटाला

चंडीगढ़, 12 जून। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह सरकार अब घोटालों के रिकॉर्ड तोड़ने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में काम कम और घोटाले ज्यादा हो रहे हैं। अधिकारी और ठेकेदारों की मिलीभगत से सरकारी खजाने को लूटा जा रहा है, लेकिन सरकार मूकदर्शक बनी बैठी है।

कुमारी सैलजा ने मीडिया को जारी बयान में सिंचाई विभाग को सबसे भ्रष्ट विभाग बताते हुए कहा कि “बाढ़ से पहले ‘तैयारियों’ और बाढ़ के बाद ‘प्रबंधन’ के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है। नहरों की सफाई, तटबंधों की मरम्मत और बाढ़ नियंत्रण कार्यों में भारी घोटाले किए जा रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि हाल ही में सिंचाई विभाग के निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आने पर सरकार को मजबूरन 12 एसई, 17 एक्सईएन, 22 एसडीओ और 29 जेई को चार्जशीट करना पड़ा, जबकि तीन चीफ इंजीनियरों को चेतावनी नोटिस जारी किए गए हैं।

“सरकार के संरक्षण में घोटाले”

कुमारी सैलजा ने आरोप लगाया कि धान घोटाला, चावल घोटाला, शराब घोटाला जैसे कई मामले विपक्ष की ओर से बार-बार उठाए गए, लेकिन सरकार ने कभी निष्पक्ष जांच की जरूरत नहीं समझी क्योंकि इन घोटालों में सत्तारूढ़ दल से जुड़े लोगों की भूमिका संदिग्ध रही है।

उन्होंने कहा कि जनस्वास्थ्य विभाग, नगर परिषद, नगर पालिका और नगर निगमों जैसे स्थानीय निकायों में भ्रष्टाचार संस्थागत रूप ले चुका है। “हर काम में घोटाले की बू आती है, लेकिन सरकार को इसमें भी पारदर्शिता नजर आती है।”

सिरसा में घोटालों का उदाहरण

सैलजा ने सिरसा जिले में पूर्व में हुए एक मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि नहरों की खुदाई में इस्तेमाल किए गए ‘वाहनों’ की लिस्ट में बाइक और स्कूटर तक शामिल पाए गए। बाढ़ के दौरान तटबंधों की मरम्मत के नाम पर बालू से भरे बोरों की संख्या और कीमत बढ़ाकर लाखों रुपए का घोटाला किया गया। बोरों को भरने की मजदूरी अलग से दिखाई गई।

“चूहों के बहाने घोटाले की पर्दादारी!”
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि जब तटबंध टूटते हैं तो सरकार इसे “चूहों द्वारा किए गए बिल” का कारण बताकर अपना बचाव करती है, जबकि सच्चाई यह है कि बजट खर्च दिखाकर फर्जी बिलों से जेबें भरी जाती हैं।

“सत्ता में शामिल लोगों को बचाने के लिए नहीं होती निष्पक्ष जांच”

कुमारी सैलजा ने कहा कि यदि सरकार ईमानदारी से जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करे, तो घोटालों पर नियंत्रण पाया जा सकता है। लेकिन जब सरकार के संरक्षण में ही भ्रष्टाचार पनपता है, तब निष्पक्ष जांच की उम्मीद कैसे की जाए?

उन्होंने सरकार से मांग की कि सिंचाई विभाग में हुए सभी कार्यों की निष्पक्ष और न्यायिक जांच कराई जाए, ताकि दोषियों को सजा मिल सके और सरकारी धन की लूट पर लगाम लगाई जा सके।

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