गांव से शहर तक, तालाब से पहाड़ियों तक — हरियाणा सरकार का ‘हरित क्रांति’ की ओर निर्णायक कदम

चंडीगढ़, 12 जून– हरियाणा के पर्यावरण एवं वन मंत्री श्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में वन क्षेत्र बढ़ाने और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए बहुआयामी प्रयास शुरू किए हैं। वन विभाग ग्राम स्तर से लेकर अंतर्राष्ट्रीय जंगल सफारी तक की योजनाओं पर मिशन मोड में कार्य कर रहा है।

44 लाख पौधे रोपित, 2200 सरोवरों पर त्रिवेणी

शहरी वानिकी के तहत प्रदेश के सभी शहरों में 67,500 बड़े पौधे लगाए गए हैं। अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत 2,200 तालाबों के किनारे पीपल, बड़ और नीम की त्रिवेणी लगाने का कार्य प्रगति पर है, वहीं कृषि वानिकी के माध्यम से किसानों के खेतों में सफेदा क्लोन व फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024–25 के दौरान अब तक 44 लाख से अधिक पौधे प्रदेशभर में रोपित किए जा चुके हैं, जबकि जल शक्ति अभियान के तहत ग्रामीण विकास विभाग को 39 लाख से अधिक पौधे उपलब्ध करवाए गए हैं।

जल संरक्षण और वन क्षेत्र का संगम — नदियों के साथ लगाए गए 20 लाख पौधे

पौधागिरी से संस्कार, स्कूलों में 13.5 लाख पौधे वितरित

राव नरबीर ने कहा कि यमुना और घग्गर नदियों के साथ लगते गांवों में भूमि कटाव और जल संरक्षण को ध्यान में रखते हुए 20 लाख से अधिक पौधे रोपित किए गए हैं। विद्यार्थियों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए ‘पौधागिरी अभियान’ चलाया गया है, जिसके अंतर्गत वर्ष 2024–25 के दौरान 13.50 लाख से अधिक पौधे विद्यालयों में वितरित किए गए हैं।

वन मित्रों की अहम भूमिका, वृक्षों को मिली ‘पेंशन’

उन्होंने कहा कि वन मित्र योजना के अंतर्गत अब तक 780 से अधिक वन मित्रों द्वारा पौधारोपण कार्य किया गया है और 70 हजार से अधिक गड्ढे खोदे गए हैं। साथ ही, 75 वर्ष से अधिक आयु के पेड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु शुरू की गई ‘प्राण वायु देवता पेंशन योजना’ के तहत अब तक 3,819 वृक्षों के अभिरक्षकों को वार्षिक 2,750 रुपये की पेंशन सीधे उनके खातों में ट्रांसफर की गई है।

शिवालिक और अरावली में नया हरित विस्तार — संरक्षित वन क्षेत्र घोषित

वन मंत्री ने बताया कि हरियाणा में शिवालिक और अरावली पर्वत श्रृंखलाओं में जल संरक्षण और भूमि क्षरण रोकने हेतु चेक डैम जैसी जल संचयन संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। वर्ष 2023–24 के दौरान गुरुग्राम, नूंह, रेवाड़ी और महेन्द्रगढ़ जिलों में कुल 22.425 हेक्टेयर क्षेत्र को संरक्षित वन भूमि घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि यमुनानगर जिले में एक वन अनुसंधान संस्थान की स्थापना की जाएगी, जो राज्य में वन आधारित अनुसंधान, प्रशिक्षण और नवाचार का केंद्र बनेगा।

जंगल सफारी और अनुसंधान केंद्र से बढ़ेगा इको-टूरिज्म व रोजगार

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी द्वारा बजट भाषण में की गई घोषणा के अनुरूप गुरुग्राम और नूंह जिलों में 2,500 एकड़ क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर की जंगल सफारी विकसित की जाएगी, जिससे न केवल प्रदेश में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को हरित रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। उन्होंने कहा कि यह पहल हरियाणा के इको-टूरिज्म को बढ़ावा देगी और स्थानीय युवाओं के लिए हरित रोजगार के नए अवसर खोलेगी।

हरियाणा का विजन: स्वच्छ पर्यावरण, समृद्ध ग्रामीण जीवन

श्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल पेड़ लगाना नहीं, बल्कि पर्यावरणीय स्थायित्व, जल प्रबंधन और रोजगार सृजन के बीच संतुलन स्थापित करना है। हमारा लक्ष्य है — हरियाणा को हरित विकास का राष्ट्रीय मॉडल बनाना।

Share via
Copy link