
चंडीगढ़,रेवाड़ी, 12 जून। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि एक ओर भाजपा हरियाणा में अपने 11 साल पूरे होने का उत्सव मना रही है, वहीं दूसरी ओर छात्र आवाज़ उठाएँ तो उन्हें रात के अंधेरे में लाठीचार्ज करवा कर घायल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिसार के कृषि विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति कटौती का विरोध कर रहे छात्रों पर जिस तरह से बर्बरता की गई, वह लोकतंत्र पर धब्बा है।
विद्रोही ने कहा कि यह कैसा जश्न है, जिसकी शुरुआत देश के अन्नदाता भविष्य—कृषि छात्रों के खून से होती है। भाजपा सरकार द्वारा अपनाया गया यह गैरकानूनी रवैया सरकार की हताशा और असंवेदनशीलता को दर्शाता है।
आर्थिक आंकड़ों से भाजपा के दावों की पोल खुली
वेदप्रकाश विद्रोही ने मोदी सरकार के 11 वर्षों के विकास के दावों को झूठा महिमामंडन करार देते हुए कहा कि कांग्रेस-यूपीए सरकार के समय भारत की जीडीपी में 188% वृद्धि हुई थी, जबकि मोदी सरकार के 11 वर्षों में यह वृद्धि मात्र 75 से 80 प्रतिशत रही है।
उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि:
- 2004 में भारत की GDP: $709 बिलियन
- 2014 में (यूपीए कार्यकाल के अंत तक): $2040 बिलियन
- 2024 में (मोदी कार्यकाल के अंत तक): $3500–3700 बिलियन
विद्रोही ने कहा कि जब कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभाली थी, तब भारत की अर्थव्यवस्था को विश्व स्तर पर गति मिली थी, जबकि मोदी राज में मात्र कुछ गिने-चुने पूंजीपतियों की दौलत में वृद्धि हुई है।
भूख और असमानता में भारत की दुर्गति
विद्रोही ने तंज कसते हुए कहा कि मोदी सरकार के “विकास” की असलियत यह है कि:
- भारत भूखमरी के वैश्विक सूचकांक में 105वें स्थान पर है।
- भारत प्रति व्यक्ति आय में 145वें स्थान पर है।
- भारत की 40% संपत्ति सिर्फ 1% लोगों के पास है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आमजन को दरकिनार कर अडानी-अंबानी जैसे पूंजीपतियों को लाभ पहुँचाया है, जिससे अमीर और गरीब के बीच की खाई और गहरी हो गई है।
“भाजपा का उत्सव जनता के जख्मों पर नमक”
वेदप्रकाश विद्रोही ने सवाल उठाया कि भाजपा किस बात का उत्सव मना रही है — बेरोजगारी, महंगाई, छात्र लाठीचार्ज, किसानों की आत्महत्या, या आर्थिक असमानता का?
उन्होंने कहा, “जब देश की युवा शक्ति को पीटा जा रहा हो, गरीबों की थाली से निवाला छीना जा रहा हो, और देश की संपत्ति चंद हाथों में जा रही हो, तब सरकार का जश्न जनता के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।”