– गुरिंदरजीत सिंह ने उठाए शिक्षा विभाग पर सवाल

गुरुग्राम, 12 जून। गुरुग्राम के समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह अर्जुन नगर ने गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को लेकर हरियाणा सरकार और जिला शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर तीखा सवाल उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उच्च न्यायालय और शिक्षा निदेशालय पंचकूला के स्पष्ट आदेशों के बावजूद आज भी जिले में धड़ल्ले से गैर मान्यता प्राप्त स्कूल खुलेआम संचालित हो रहे हैं।

पहली अप्रैल से होनी थी तालाबंदी, पर स्कूल चल रहे हैं जारी

गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि शिक्षा निदेशालय ने निर्देश जारी किए थे कि 1 अप्रैल 2025 से सभी गैर मान्यता प्राप्त स्कूल बंद कर दिए जाएंगे, लेकिन आज तक न तो कोई प्रभावी कार्रवाई हुई और न ही ऐसे स्कूलों की सूची सार्वजनिक की गई। उन्होंने सवाल किया कि जब आम नागरिकों को यह स्कूल दिख रहे हैं, तो शिक्षा विभाग की नज़रों से ये कैसे ओझल हैं?

आदेशों के बावजूद दाख़िले, कार्रवाई शून्य

गुरिंदरजीत ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि ऐसे स्कूलों में नए दाख़िले न लिए जाएं, लेकिन इसके उलट अप्रैल से पहले ही कई स्कूलों में बच्चों के दाख़िले कर लिए गए और अब भी चल रहे हैं। उन्होंने कहा, “अगर शिक्षा विभाग वाकई कार्रवाई के मूड में होता, तो आज गुरुग्राम में कोई भी गैर मान्यता स्कूल न चल रहा होता।”

भविष्य के साथ खिलवाड़, सुविधाओं का अभाव

समाजसेवी सिंह ने इन स्कूलों की बुनियादी खामियों को उजागर करते हुए कहा कि अधिकतर गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में फायर एनओसी, लैब, लाइब्रेरी जैसी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं। बच्चों के बैठने के लिए समुचित स्थान नहीं है और शिक्षा की गुणवत्ता का तो कोई पैमाना ही नहीं।

डमी स्कूलों पर भी हो कार्रवाई

गुरिंदरजीत सिंह ने यह भी दावा किया कि कुछ मान्यता प्राप्त स्कूल अपने नाम पर डमी स्कूलों को चला रहे हैं, जो पूरी तरह अवैध है। उन्होंने मांग की कि ऐसे मामलों की भी जांच की जाए और दोनों तरह के दोषियों पर कठोर कार्रवाई हो।

अधिकारियों की चुप्पी सवालों के घेरे में

उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा और गुरुग्राम विधायक मुकेश शर्मा को इस मामले में स्पष्ट रुख लेना चाहिए। जनता जानना चाहती है कि जिन स्कूलों को बंद होना था, वे किसके संरक्षण में चल रहे हैं?

“बच्चों का भविष्य अंधेरे में न जाए, इसके लिए जरूरी है कि गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों पर तुरंत रोक लगे और कानून के तहत सख्त कार्रवाई हो।”

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