विद्रोही ने मुख्यमंत्री से CET आवेदन की तिथि बढ़ाने की मांग की

चंडीगढ़,रेवाड़ी, 15 जून 2025। स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा में ग्रुप सी और डी की सरकारी भर्तियों के लिए आयोजित की जाने वाली सामान्य पात्रता परीक्षा (CET) के आवेदन की प्रक्रिया में हुई तकनीकी विफलताओं और प्रशासनिक लापरवाही को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पोर्टल की समस्याओं के कारण हजारों युवा आवेदन करने से वंचित रह गए हैं, जिनमें बड़ी संख्या में पिछड़े और दलित वर्ग के आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार शामिल हैं।
पोर्टल की जटिलताएं बनीं बाधा
विद्रोही ने कहा कि आवेदन प्रक्रिया के लिए तीन अहम पोर्टल — CET वेबसाइट, सरल पोर्टल और परिवार पहचान पत्र पोर्टल — में से एक भी ठीक से कार्य नहीं कर रहा था। युवाओं को आवेदन के लिए आवश्यक जाति प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज बनाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई बार पोर्टल खुला ही नहीं, और यदि खुला भी तो अपलोडिंग में तकनीकी बाधाएं आईं।
आरक्षित वर्ग से छीना संवैधानिक हक
विद्रोही ने कहा कि सरकार ने एक अतिरिक्त शर्त जोड़ते हुए यह नियम बना दिया कि केवल 31 मार्च 2025 के बाद जारी जाति प्रमाण पत्र ही मान्य होंगे। इससे उन हजारों विद्यार्थियों को भारी नुकसान हुआ, जिन्होंने समय पर नया प्रमाण पत्र नहीं बनवा पाया। उन्हें मजबूरी में सामान्य वर्ग में आवेदन करना पड़ा, जिससे उनका आरक्षण का संवैधानिक अधिकार छिन गया।
सरकार की नीयत पर सवाल
उन्होंने आरोप लगाया कि जब से हरियाणा में बीजेपी की सरकार आई है, तब से पिछड़े और दलित वर्गों के आरक्षण पर सुनियोजित तरीके से डाका डाला जा रहा है। वर्तमान भर्ती प्रक्रिया में भी यही चाल चली गई — पोर्टल की असुविधा जानबूझकर बरकरार रखी गई ताकि आरक्षित वर्ग के युवा आवेदन ही न कर सकें।
मुख्यमंत्री से मांग
वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा के मुख्यमंत्री से मांग की है कि CET परीक्षा के लिए आवेदन की समय-सीमा को एक माह तक बढ़ाया जाए ताकि वे युवा जो पोर्टल की तकनीकी खामियों या जाति प्रमाण पत्र के अभाव में आवेदन नहीं कर सके, उन्हें दोबारा अवसर दिया जा सके। उन्होंने कहा कि CET परीक्षा 3 से 5 साल में एक बार होती है, ऐसे में वंचित रह गए युवा या तो ओवरएज हो जाएंगे या बेरोजगारी की मार झेलते रहेंगे।
निष्कर्ष में, विद्रोही ने कहा कि यह सिर्फ एक परीक्षा नहीं, बल्कि लाखों युवाओं के भविष्य का सवाल है, और सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर त्वरित राहत प्रदान करनी चाहिए।