बीसीआई ने ₹25000/- का जुर्माना ठोका

हर्जाना न भरने पर होगा लायसेंस संस्पैंड

रोहतक : सुप्रीम कोर्ट की बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) यानि भारतीय विधिक परिषद ने रोहतक के सीनियर एडवोकेट सर्वजीत सांगवान को पेशेगत दुराचार (Professional Misconduct) का दोषी (Guilty Hold) करार दिया है । परिषद ने एडवोकेट सर्वजीत सांगवान पर ₹25000/- का जुर्माना भी ठोका है और जुर्माना अदा न करने की सूरत में उनका वकालत का लॉयसैंस सस्पैंड (निलंबित) करने की चेतावनी भी दी है ।

ग़ौरतलब है कि बीसीआई ने यह फ़ैसला एडवोकेट सर्वजीत सांगवान की मुवक्किल (Client) मीनाक्षी देवी पुत्री चमेली देवी और राजरूप कटारिया की शिकायत पर लंबी सुनवाई और गहन जाँच के बाद लिया है । शिकायत में आरोप लगाया गया था कि एडवोकेट सर्वजीत सिंह सांगवान ने मीनाक्षी देवी के भाई धर्मवीर सिंह के कत्ल के केस को 17/01/2020 को निचली अदालत द्वारा ख़ारिज कर दिए जाने के बाद उसे केस के ख़ारिज होने की सूचना नहीं दी और सवा साल तक उसे झूठ बोलकर अदालत के चक्कर लगवाते रहे और हर तारीख़ पर उससे अवैध रूप से ₹1500/- भी ऐंठते रहे । इस झूठऔर फरेब के कारण वह निर्धारित तीस दिन की अवधि के भीतर निचली अदालत के फ़ैसले के खिलाफ सैसन कोर्ट में अपील दायर करने से वंचित रह गई ।

बीसीआई की अनुशासनात्मक समिति (डिसीपलीनरी कमेटी) के चेयरमैन एडवोकेट श्री डीके शर्मा , सदस्य एडवोकेट श्री वेदप्रकाश शर्मा और एडवोकेट अजय मालवीय ने अपने फ़ैसले में कहा है कि एडवोकेट सर्वजीत सिंह सांगवान अपनी पेशेगत ज़िम्मेदारी सही ढंग से निभाने में असफल रहे और समिति उन्हें प्रोफेशनल दुराचरण का दोषी करार देती है और उन्हें आदेश देती है कि वे चार सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता मीनाक्षी देवी को ₹25000/- का हर्जाना अदा करें और यदि वे हर्जाना अदा नहीं करते हैं तो उनका वकालत करने का लॉयसैंस निलंबित कर दिया जाएगा । याचिकाकर्ता मीनाक्षी देवी ने बीसीआई के इस फ़ैसले को न्याय और सच्चाई की जीत बताया है ।

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