-2017 से पहले विभाग के सिर्फ एक टॉपर विद्यार्थी को ही स्टाइफंड दिया जाता था, अब सब को दिया जाता है।
हिसार: 17 जून – कमेटी ने छात्रवृति और एलडीवी (लेंड डोनेशन विलेज़) की शुरू से जानकारी देते हुए बताया कि चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षणिक सत्र 2025-26 की दाखिला प्रक्रिया में दो बदलाव किए गए थे। पहला- एमएससी और पीएचडी के मेरिट स्टाइफंड में बदलाव किया गया था क्योंकि वित्तीय स्थिति के कारण इस छात्रवृति को जारी रखना संभव नहीं था। वित्तीय वर्ष 2016-17 में मेरिट स्टाइफंड करीब 75 लाख रूपए था, जो अब बढक़र 9 करोड़ तक पहुंच गया है। इसका विश्वविद्यालय के बजट में कोई प्रावधान नहीं है। दूसरा इसमें कोई स्पर्धा नहीं है क्योंकि यह शत प्रतिशत विद्यार्थियों को दी जाती है। सभी छात्रों को मेरिट स्टाइफंड देने का प्रावधान वर्ष 2017 में किया गया था। उससे पहले विभाग के सिर्फ एक टॉपर विद्यार्थी को ही मेरिट स्टाइफंड दिया जाता था।
दूसरा मुद्दा एलडीवी के तहत जो सीटें दी जाती हैं उनमें कोई बदलाव नहीं किया गया। ताकि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को इसका फायदा मिल सके। विद्यार्थियों को एक बार ही एलडीवी का लाभ मिलेगा। अगर विद्यार्थी ने इसका लाभ बीएससी में ले लिया है तो एमएससी/पीएचडी में नहीं मिलेगा ताकि उसी गांव के अन्य लोगों को यह फायदा मिल सके।
उन्होंने बताया कि मुद्दों पर विद्यार्थियों की तरफ से मांगपत्र आया था उसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा एक कमेटी गठित की गई। कमेटी ने छात्रों से मीटिंग की और छात्र मान कर चले गए, फिर दूसरे छात्रों का ग्रुप आया और वो भी सहमत नजर आया।
परन्तु 10 जून को दो अप्रिय घटनाएं हुई। पहली घटना प्रशासनिक भवन में हुई जिसमें कुछ छात्रों ने जबरदस्ती कुलपति कार्यालय में घुसने की कोशिश की। उनकी मंशा ठीक नहीं थी, उनकों रोकने और समझाने की कोशिश की गई। दूसरी घटना उसी दिन रात को करीब 10 बजे हुई, छात्र कुलपति निवास जाने वाली सडक़ पर धरना देकर बैठ गए, वहां कुलपति सहित अन्य अधिकारियों के निवास हैं तथा सडक़ आगे बंद है। इस प्रकार रास्ता पूर्ण रूप से अवरूद्ध कर दिया गया। वहां पर रह रहे अधिकारियों व उनके परिवार के आने जाने का रास्ता बंद हो गया। कुलसचिव व अन्य अधिकारियों ने विद्यार्थियों को समझानें की कोशिश की लेकिन छात्रों ने दुव्र्यवहार किया और गाली गलौच भी की।
इसके कुछ समय बाद कुलपति की गाड़ी आई, छात्रों द्वारा गाड़ी को अवरूद्ध किया गया तथा तोडफ़ोड़ करने की कोशिश की गई। कुलपति की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया। मौके पर मौजूद सुरक्षा कर्मचारियों-अधिकारियों ने कठिन प्रयास के पश्चात कुलपति की गाड़ी को बाहर निकाला। परन्तु उस वक्त विद्यार्थी उग्र रूप धारण कर चुके थे। कुलपति आवास में घुसने की कोशिश कर रहे थे। स्वयं कुलपति व उनके परिवार की सुरक्षा खतरे में थी, इस कारण से सुरक्षा कर्मियों व छात्रों में हाथापाई हो गई। दोनों तरफ के लोगों को चोटें लगी। इस घटना के बाद छात्रों ने पथराव शुरू कर दिया जिससे स्थिति काफी विकराल हो गई। वहां लगे सीसीटीवी कैमरों को तोड़ दिया गया तथा वहां पर खड़ी गाडिय़ों को भी नुकसान पहुंचाया गया। इसके बाद छात्र रातभर वहीं धरने पर बैठे रहे तथा सुबह उठकर विश्वविद्यालय के गेट नं 4 पर चले गए।
इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन व जिला प्रशासन ने मिलकर समाधान ढुंढने का प्रयास किया। विद्यार्थियों की ओर से जो मांगपत्र मिला उसकी सभी मांगे पूरी कर दी गई। कोई विषय बचा नहीं लेकिन छात्र अब भी आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन पूर्ण रूप से राजनीतिक रूप ले चुका है। छात्रों के अनुरोध पर विश्वविद्यालय ने कुछ परीक्षाएं स्थगित कर दी थी, परन्तु अब 16 जून से परीक्षा नियमित आयोजित की जा रही हैं जोकि 21 जून तक होंगी। छात्रावासों में विद्यार्थियों को डराया व धमकाया जा रहा है, उन्हें परीक्षा में बैठने नहीं दिया जा रहा। इन सब बाधाओं के बावजूद भी विद्यार्थी परीक्षाएं दे रहे हैं। परीक्षाएं शांतिपूर्ण हो रही हैं।
अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने एक बार पुन: छात्रों से अपील करते हुए कहा है कि वे बातचीत के लिए आगे आए ताकि समस्या का समाधान किया जा सके। इस अवसर पर स्नातकोत्तर शिक्षा अधिष्ठाता डॉ. केडी शर्मा व कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसके पाहुजा भी उपस्थित रहे।
2017 से पहले व बाद में स्टाइफंड की तुलना:
2017 से पहले 2017 के बाद
कोर्स स्टाइफंड मेरिट स्टाइफंड स्टाइफंड मेरिट स्टाइफंड
एमएससी 600 2000 3000 6000
पीएचडी 1000 3000 5000 10000
नोट: 2017 से पहले विभाग के सिर्फ एक टॉपर विद्यार्थी को ही स्टाइफंड दिया जाता था। अब 7.0 ओजीपीए से अधिक वाले सभी विद्यार्थियों को स्टाइफंड व 7.5 से अधिक ओजीपीए वाले सभी विद्यार्थियों को मेरिट स्टाइफंड मिलता है।