जिज्ञासा अब आर्मी बेस्ड ट्रेंनिंग सेंटर खूंगा अकैडमी का अगला कदम क्या होगा
ज्योति गिरी के स्वामित्व वाली प्रॉपर्टी किराए पर देने वालों पर चलेगा कानूनी डंडा
खूंगा अकैडमी प्रबंधन / प्रशासन स्वामी ज्योति गिरी या कानून के सामने करेगा सरेंडर
राजस्व विभाग के द्वारा की गई पैमाइश के बाद दूध का दूध और पानी का पानी
फतह सिंह उजाला

बोहड़ाकला । महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट के फाउंडर ट्रस्टी एवं महामंडलेश्वर स्वामी ज्योति गिरी के स्वामित्व वाली प्रॉपर्टी की पैमाइश के बाद अब दूध का दूध और पानी का पानी हो गया । अब सबसे बड़ा सवाल और जिज्ञासा यही है कि चैरिटी अस्पताल बिल्डिंग में किराएदार के रूप में कथित काबिज आर्मी बेस्ट ट्रेंनिंग सेंटर खूंगा अकैडमी के प्रबंधन और संचालक के द्वारा अगला कदम क्या उठाया जाएगा । क्या महामंडलेश्वर ज्योति गिरी के सामने सरेंडर किया जाएगा या फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा ? लेकिन उससे पहले इस बिल्डिंग में किराएदार और बिल्डिंग के मालिक बनने के दावेदारों को अपने विरुद्ध दर्ज आपराधिक मामले से भी निपटना होगा। राजस्व विभाग के द्वारा पुलिस प्रशासन और ग्राम पंचायत सदस्यों की मौजूदगी में ज्योति गिरी के स्वामित्व वाली प्रॉपर्टी की पैमाइश के बाद बिल्डिंग को खाली करवाना भी एक बड़ा सवाल के साथ-साथ चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।

पैमाइश के बाद स्वामी ज्योति गिरी के समर्थकों में खुशी की लहर है। वहीं अस्पताल को पंचायती भूमि में बताने वाले कुछ ग्रामीणों को जोर का झटका धीरे से लगा है। ये ग्रामीण पिछले एक महीने से ज्योति गिरी के अस्पताल को पंचायती भूमि बता रहे थे और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर को अंधेरे में रखे हुए थे। स्वामी ज्योति गिरी महाराज ने पंचायती भूमि पर चैरिटी अस्पताल बनाया हुआ है। पटौदी पुलिस के एसीपी सुखबीर सिंह, बिलासपुर थाना के प्रभारी दिलबाग सिंह और एएसआई रमेश तथा सब इंस्पेक्टर सतपाल सिंह के नेतृत्व में पटौदी राजस्व विभाग के अधिकारी गिरदावर पटवारी ने ग्रामीणों के सामने अस्पताल की चारों तरफ से पैमाइश कराई गई। इसमें स्वामी ज्योति गिरी महाराज के स्वामित्व वाले चैरिटी अस्पताल को सही बताया गया, जबकि अस्पताल के साथ लगा हुआ कुछ छोटा सा हिस्सा पंचायत की भूमि में गौशाला के काम आ रहा है। स्वामी ज्योति गिरी महाराज ने गायों की सेवा के लिए गौशाला बनाई हुई है। गांव के मुख्य मौजूद लोग पैमाइश के समय पुलिस प्रशासन के साथ सहयोग कर रहे थे, जिनमें हरियाणा पुलिस के पूर्व इंस्पेक्टर भूपेंद्र सिंह यादव, पतली गांव से कृष्णा पंडित, भोडा कला के सरपंच मनवीर सिंह, पूर्व सरपंच गोगली, विनोद एडवोकेट, छतर सिंह चौहान, अरुण सिंह चौहान, रजवा चौहान, विक्रम चौहान, महेश पंडित, महेश ठेकेदार, महेश चौहान आदि भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

रामभूल सिंह चौहान ने कहा दुख की बात तो यह है कि जिन लोगों ने मेडिकल का सामान दाएं बाएं कर दिया और फर्जी तरीके से डॉक्यूमेंट तैयार कर स्वामी जी के अस्पताल को एक अकादमी को किराए पर दे दिया, इस पर सवाल उठाए जा रहे थे। लेकिन राजस्व विभाग की पैमाइश ने सबके मुंह पर ताला लगा दिया है। सूत्रों के मुताबिक राजस्व विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों को मौके पर बताया कि बाबा का अस्पताल उनकी खरीदी हुई भूमि पर बना हुआ है। कुछ हिस्सा जहां गौशाला बनी हुई है, वह पंचायत की भूमि है और पंचायत की भूमि पर गौशाला बनाई जा सकती है । सरकार की अनुमति के बाद, लेकिन बाबा ने किसी प्रकार का कोई अवैध कब्जा नहीं किया हुआ, यह पैमाइश में साफ तौर पर बताया गया है। अब स्वामी ज्योति गिरी के स्वामित्व वाली प्रॉपर्टी की पैमाइश के बाद सारी स्थिति साफ होने के बाद एक ही जिज्ञासा लोगों में बनी हुई है कि फर्जी तरीके से मालिक बनकर प्रॉपर्टी अस्पताल कैंपस को किराए पर लेने वालों के खिलाफ कब तक और किस प्रकार की कार्रवाई देखने के लिए मिल सकेगी।