बिजली विभाग और कर्मचारियों की मनमानी को लेकर ग्रामीणों का फूटा गुस्सा
बिजली संकट से त्रस्त गांव माजरा में ग्रामीणों मैं पंचायत में खरी खोटी सुनाई
एक दर्जन गांव की महिलाओं ने घेरा बोहड़ाकला का पावर हाउस
बिजली संकट से परेशान ग्रामीणों ने बिलासपुर पटौदी रोड किया जाम
ग्रामीणों का आरोप बोहड़ाकला पावर हाउस में कर्मचारी भी नहीं मिले
फतह सिंह उजाला

बोहड़ाकला । भाजपा की डबल इंजन वाली तीसरी बार बनी सरकार के कार्यकाल में लगातार दावे किए गए की बिजली सर प्लस है । इस प्रकार के दावे नियमित अंतराल पर सुर्खियां बनते रहे। लेकिन हकीकत कुछ और ही सामने निकल कर आ रही है। बुधवार को ऐसा क्या हुआ कि बिजली सर प्लस होते हुए भी पटौदी क्षेत्र के ग्रामीण बोहड़ाकला पावर हाउस में ताला लगाने के साथ-साथ सड़क जाम करने के लिए मजबूर हो गए ? बोहड़ाकला पावर हाउस में ताला लगाए जाने के साथ सड़क जाम किया जाने की सूचना मिलते ही सिस्टम में खलबली मच गई । ग्रामीणों का आरोप है कि जब वह अपनी समस्या का समाधान करवाने व समस्या बताने के लिए बोहड़ाकला पावर हाउस पहुंचे तो पावर हाउस में कोई कर्मचारी ही मौजूद नहीं मिला । इस प्रकार के हालात को देखते हुए परेशान महिलाओं का गुस्सा बेकाबू हो गया और महिलाओं ने ही बोहड़ाकला पावर हाउस पर ताला लटका दिया।

उपलब्ध जानकारी के मुताबिक और परेशान ग्रामीणों के आरोप के अनुसार बिजली की पिछले करीब 1 महीने से अनियमित आपूर्ति जी का जंजाल बनी हुई है । 24 – 24 घंटे गांव की बिजली आपूर्ति नहीं की जा रही , दूसरी तरफ बोहड़ाकला पावर हाउस के तहत उद्योगों को अनकट बिजली की आपूर्ति की जा रही है। गांव माजरा में सरपंच पति सतवीर सिंह की अध्यक्षता में पंचायत का आयोजन किया गया । पंचायत में विभिन्न ग्रामीणों ने आरोप लगाया क्षेत्र का लाइनमैन फोन कॉल रिसीव ही नहीं करता है। बिजली नहीं आने से जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है । बुधवार को गांव ऊंचा माजरा, बिलासपुर, बिलासपुर कला, बिलासपुर खुर्द, लॉन्गड़ा, नरहेड़ा, बिनौला, भूडका, पथरेड़ी, बिनोला इत्यादि गांव से बड़ी संख्या में ग्रामीण, जिनमें मुख्य रूप से महिलाएं शामिल रही, बोहड़ाकला पावर हाउस पहुंची।

बिजली संकट से परेशान ग्रामीण महिलाओं ने बिजली विभाग के स्थानीय से लेकर जिला के वरिष्ठ अधिकारियों को निशाने पर लेते हुए खूब खरी खोटी बोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी। महिलाओं ने बिजली के पूरे सिस्टम को निशाने पर लेते हुए सवाल किया, आज के समय में सारा काम बिजली पर ही निर्भर है। एक-एक घर में डेढ़ – डेढ़ लाख रुपए की भैंस है । बिना बिजली के पानी नहीं हवा नहीं दूध बिलोना भी संभव नहीं, सांस भी नहीं लिया जा सकता बिना बिजली के। बिजली संकट से परेशान ग्रामीणों ने आरोप लगाया फील्ड के कर्मचारी शिकायत को गंभीरता से नहीं लेते । गर्मी में बिना बिजली के छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग सभी परेशान हो रहे हैं । बिजली आए या नहीं आए बिजली का बिल आने पर एक-एक पैसे का भुगतान किया जा रहा है। इतना सब करने के बाद परेशान जनता को सड़क पर आने के लिए मजबूर कर दिया। इसके लिए केवल और केवल बिजली विभाग के लापरवाह अधिकारी ही जिम्मेदार हैं।
मौके पर पहुंचे बोहड़ाकला पावर हाउस के एसडीओ लियाकत अली ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि लापरवाह लाइनमैन मनीष जयराम बहादुर को यहां से कहीं और बदली कर दिया जाएगा। इसके अलावा यह भी भरोसा दिलाया गया ग्रामीणों को ग्रामीण क्षेत्र में नियमित रूप से बिजली की आपूर्ति की जाएगी। ग्रामीणों के द्वारा बोहड़ाकला पावर हाउस पर ताला लगाने से लेकर सड़क जाम करने तक का समय लगभग 3 घंटे से अधिक का रहा। इस दौरान सड़क के दोनों तरफ गर्मी में वाहनों की लंबी लाइन लग गई। वाहन चालक ग्रामीण महिलाओं के सामने आवागमन के लिए मन्नत मानते हुए देखे गए। लेकिन बिजली संकट से परेशान ग्रामीण महिलाओं ने अपनी समस्या बताते हुए मोर्चा खोले रखा। बोहड़ाकला पावर हाउस के एसडीओ के आश्वासन पर आंदोलन वापस लेते हुए चेतावनी दी गई यदि इसी प्रकार की परेशानी फिर से सामने आई तो आज से भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इसके लिए बिजली विभाग के साथ-साथ पूरा सिस्टम जिम्मेदार रहेगा।