चंडीगढ़, 22 जून। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा में युवाओं के रोजगार से जुड़ी नीतियों को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार पहले भर्ती निकालती है, नियुक्ति देती है और फिर भर्ती को रद्द कर देती है। यह एक सुनियोजित विश्वासघात है जिसे लगातार दोहराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार अब ग्रुप-डी में चयनित युवाओं को पोस्टिंग देने की बात कर रही है, लेकिन सवाल यह है कि जब लंबे समय से 1.20 लाख पद खाली हैं तो फिर इन एचकेआरएन (HKRN) के तहत कार्यरत युवाओं को स्थायी नियुक्ति क्यों नहीं दी जाती?
“सरकार युवाओं के भविष्य से कर रही है खिलवाड़”
सैलजा ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड साफ तौर पर दर्शाता है कि उसने युवाओं को केवल चुनावों के समय वादों और घोषणाओं से छलने का काम किया है। 2023 में हुई ग्रुप-डी भर्ती के चयनित उम्मीदवारों को अब तक नियुक्ति नहीं दी गई है, और अब सरकार उनसे संबंधित विभागों से खाली पदों की जानकारी मांगकर केवल दिखावटी सक्रियता दिखा रही है।
एचकेआरएन के तहत रोजगार, लेकिन सुरक्षा नहीं
सैलजा ने कहा कि एचकेआरएन (हरियाणा कौशल रोजगार निगम) के माध्यम से नियुक्त हजारों युवाओं की नौकरी पर हर समय असुरक्षा की तलवार लटकती रहती है। इनमें से अधिकांश को न नियमित किया गया, न ही भविष्य की गारंटी दी गई। उन्होंने मांग की कि सरकार सबसे पहले एचकेआरएन के तहत कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करे और जो एक लाख से अधिक पद खाली पड़े हैं, उन्हें पारदर्शी प्रक्रिया से भरे।
“एचएसएससी की निष्पक्षता पहले ही संदिग्ध”
उन्होंने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सरकार का “बिना पर्ची, बिना खर्ची” का दावा झूठा साबित हो चुका है। आयोग की निष्पक्षता पहले ही भ्रष्टाचार और सौदेबाजी के आरोपों में घिरी हुई है।
“बेरोजगारी का ग्राफ बढ़ रहा, झूठे दावे कर रही है भाजपा”
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार का दावा है कि वह बेरोजगारी कम कर रही है, जबकि वास्तविकता यह है कि हरियाणा आज भी देश के शीर्ष बेरोजगार राज्यों में गिना जाता है। सरकार प्रचार में व्यस्त है, ज़मीनी कार्य में नहीं।
निष्कर्षतः, सैलजा ने दो टूक कहा – “युवाओं से किया गया एक भी वादा भाजपा सरकार ने पूरा नहीं किया। अब जनता जान चुकी है कि यह सरकार वादाखिलाफी और धोखेबाजी की प्रतीक बन चुकी है।”
“सरकार को नौकरियों में पारदर्शिता लानी होगी, नहीं तो युवा खुद अपने अधिकार के लिए निर्णायक आंदोलन करने को मजबूर होंगे।” – कुमारी सैलजा