हरियाणा मंत्रिमंडल ने एसीबी का नाम बदलकर राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, हरियाणा करने को दी मंजूरी
चंडीगढ़, 26 जून – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) का नाम बदलकर राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, हरियाणा करने को स्वीकृति प्रदान की गई।
यह निर्णय ब्यूरो की बढ़ती भूमिका और जिम्मेदारियों की व्यापक समीक्षा के बाद लिया गया। संशोधित नाम – राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, हरियाणा – ब्यूरो के दोहरे फोकस को बेहतर ढंग से दर्शाता है – भ्रष्टाचार से निपटना और प्रशासनिक ढांचे के भीतर सतर्कता सुनिश्चित करना।
ब्यूरो की जिम्मेदारी केवल भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों से कहीं अधिक है। इसमें व्यापक सतर्कता ढांचा भी शामिल है। ‘‘सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक’’ का संयुक्त नामकरण इसके कार्यों के पूर्ण दायरे को दर्शाता है, जिसमें विभिन्न सरकारी विभागों में कदाचार, भ्रष्टाचार और पारदर्शिता के मुद्दों की जांच शामिल है।
अन्य राज्यों में इसी तरह की एजेंसियों के नामकरण की समीक्षा से पता चला कि हिमाचल प्रदेश, केरल और मणिपुर सहित कई राज्य ‘‘सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो’’ जैसे शीर्षक का उपयोग करते हैं।
हरियाणा ब्यूरो का नाम बदलकर समान शीर्षक रखने का उद्देश्य राज्य को राष्ट्रीय रुझानों के साथ जोड़ना है, जिससे पूरे देशभर में अधिक एकरूपता और स्थिरता को बढ़ावा देना है। प्रस्तावित नामकरण ब्यूरो की विभिन्न परिचालन शाखाओं के बीच तालमेल को भी बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करता है, जिससे भ्रष्टाचार, कदाचार और प्रशासनिक अकुशलता से निपटने में भूमिकाओं का स्पष्ट चित्रण किया जा सकेगा।
हरियाणा विधानसभा (सदस्यों का वेतन, भत्ते और पेंशन) अधिनियम, 1975 की धारा 7सी में संशोधन को मंजूरी
चंडीगढ़, 26 जून – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा विधानसभा (सदस्यों का वेतन, भत्ते और पेंशन) अधिनियम, 1975 की धारा 7सी में संशोधन को मंजूरी दी गई। यह संशोधन इस अधिनियम के अंतर्गत पेंशन के हकदार व्यक्तियों के लिए विशेष यात्रा भत्ते से संबंधित है।
संशोधन में 1,00,000 रुपये की पिछली सीमा को हटा दिया गया है तथा यह प्रावधान किया गया है कि हरियाणा विधान सभा (सदस्यों का वेतन, भत्ते और पेंशन) अधिनियम, 1975 के अंतर्गत पेंशन के हकदार प्रत्येक व्यक्ति को भारत में कहीं भी स्वयं या उसके परिवार के सदस्यों द्वारा की जाने वाली यात्रा के लिए 10,000 रुपये प्रति माह का विशेष यात्रा भत्ता मिलना जारी रहेगा।
हरियाणा कैबिनेट ने हरियाणा सेवा का अधिकार नियम, 2014 के नियम 9 में संशोधन को मंजूरी दी
चंडीगढ़, 26 जून – हरियाणा मन्त्रीमण्डल की बैठक आज यहां मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें हरियाणा सेवा का अधिकार नियम, 2014 के नियम 9 में संशोधन को मंजूरी दी गई।
वर्तमान नियम 9 के प्रावधानों के अनुसार, आयोग ऐसे मामलों में स्वतः संज्ञान ले सकता है, जहां नामित अधिकारियों/शिकायत निवारण प्राधिकरणों द्वारा निर्धारित समयावधि के भीतर आवेदन/अपीलों का निस्तारण नहीं किया गया हो और ऐसे आवेदन/अपीलों के निस्तारण में अनुचित विलंब हो। किसी भी त्रुटि या चूक पाए जाने पर आयोग इस संबंध में उचित आदेश पारित कर सकता है ।
संशोधन के पश्चात, आयोग स्वतः संज्ञान ले सकेगा, बशर्ते कि यदि किसी मामले में, अधिसूचित सेवा प्राप्त करने हेतु आवेदन प्रस्तुत करने से पूर्व, संबंधित विभाग के नामित अधिकारी/प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकरण/द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकरण के समक्ष, कोई वाद न्यायालय में लंबित हो या संबंधित विभाग के पुनरीक्षण प्राधिकारी के समक्ष विचाराधीन हो, तो ऐसे मामलों में, जब तक न्यायालय या संबंधित पुनरीक्षण प्राधिकारी द्वारा अंतिम निर्णय नहीं लिया जाता, अधिनियम की धारा 17 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग आयोग द्वारा उक्त विभाग के नामित अधिकारी/प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकरण/द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकरण के विरुद्ध नहीं किया जाएगा।
हरियाणा वित्त आयुक्त कार्यालय (ग्रुप-ए) राज्य सेवा नियम, 1980 में प्रमुख संशोधनों को स्वीकृति
चण्डीगढ़, 26 जून – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा वित्त आयुक्त कार्यालय (ग्रुप-ए) राज्य सेवा नियम, 1980 में प्रमुख संशोधनों को स्वीकृति प्रदान की गई।
हरियाणा वित्त आयुक्त कार्यालय (ग्रुप-ए) राज्य सेवा नियम, 1980 में संशोधन किए गए हैं ताकि वित्त आयुक्त कार्यालय, हरियाणा में मंत्री के विशेष वरिष्ठ सचिव, मंत्री के वरिष्ठ सचिव और मंत्री के सचिव के अपग्रेड किए गए पदों के लिए भर्ती की पद्धति, योग्यताएं और अनुभव आवश्यकताओं को मुख्य सचिव, हरियाणा के कार्यालय में संबंधित पदों के साथ संरेखित (अनुरूप) किया जा सके।
इसके अतिरिक्त, हरियाणा वित्त आयुक्त कार्यालय (ग्रुप-ए) राज्य सेवा नियम, 1980 के परिशिष्टों में भी संशोधन किया गया है। परिशिष्ट ‘‘ए’’, जो पदों के कार्यात्मक वेतन स्तर को निर्दिष्ट करता है, परिशिष्ट ‘‘13’’, जो पदों के लिए अनुभव आवश्यकताओं को रेखांकित करता है, परिशिष्ट ’’सी’’, जो दंड की प्रकृति और उन्हें लागू करने के लिए सशक्त प्राधिकारी का विवरण देता है, और परिशिष्ट ’’डी’’, जो आदेशों की प्रकृति और उन्हें जारी करने के लिए सशक्त प्राधिकारी को निर्दिष्ट करता है, को मुख्य सचिव, हरियाणा के कार्यालय में संबंधित पदों के बराबर संशोधित किया गया है।
इन संशोधनों से यह भी सुनिश्चित होगा कि नियुक्तियां पदोन्नति, स्थानांतरण या सीधी भर्ती के माध्यम से की जाएंगी, तथा पात्रता की शर्तें स्पष्ट रूप से परिभाषित होंगी और विभिन्न कार्यालयों में समकक्ष पदों पर सेवा शर्तों का मानकीकरण होगा, जिससे प्रशासनिक दक्षता और कैरियर प्रगति में स्पष्टता आएगी।
हरियाणा में ग्रुप सी और डी कर्मचारियों को मिलेगा प्रतिपूरक अवकाश, मंत्रीमंडल ने दी मंजूरी
हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2016 में संशोधन को दी स्वीकृति
चंडीगढ़, 26 जून- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रीमंडल की बैठक में ग्रुप सी और ग्रुप डी के सरकारी नियमित कर्मचारियों के लिए प्रतिपूरक अवकाश प्रदान करने का प्रावधान करने के लिए हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 2016 में संशोधन को मंजूरी दी गई।
संशोधन के अनुसार ग्रुप सी और ग्रुप डी के नियमित कर्मचारियों को प्रतिपूरक अवकाश प्रदान करने का प्रावधान किया गया है, जिसमें एक नया नियम 77ए जोड़ा गया है। इस नियम के तहत कर्मचारी यदि अधिसूचित अवकाश पर आधिकारिक ड्यूटी करते हैं, तो वे प्रतिपूरक अवकाश के हकदार होंगे। यह प्रतिपूरक अवकाश ड्यूटी किए जाने के एक महीने के भीतर लिया जाना चाहिए, अन्यथा यह समाप्त हो जाएगा।
यह अवकाश संबंधित छुट्टियों और स्टेशन अवकाश के साथ लिया जा सकता है, हालांकि किसी भी परिस्थिति में कुल अवकाश अवधि 16 दिनों से अधिक नहीं होगी। यदि कोई कर्मचारी एक महीने की अवधि के भीतर प्रतिपूरक अवकाश के लिए आवेदन करता है और स्वीकृति प्राधिकारी अनुरोध को अस्वीकार कर देता है, तो अगले 15 दिनों के भीतर छुट्टी का लाभ उठाया जा सकता है, अन्यथा छुट्टी समाप्त मानी जाएगी। इसके अलावा यदि उसी दिन के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया गया है या प्रस्तावित है तो प्रतिपूरक अवकाश प्रदान नहीं किया जाएगा।
हरियाणा मंत्रिमंडल ने कर्मचारी भत्ता नियमों में संशोधन को दी मंजूरी
मृत कर्मचारियों के परिवारों के लिए दो साल तक के लिए मिलेगा आवास भत्ता
चंडीगढ़, 26 जून –हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल बैठक में हरियाणा सिविल सेवा (सरकारी कर्मचारियों को भत्ते) नियम, 2016 में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई।
संशोधन के अनुसार, सेवा के दौरान किसी सरकारी कर्मचारी की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु होने पर मृतक कर्मचारी के परिवार को कर्मचारी की मृत्यु से पहले से मिल रहा आवास भत्ता दो वर्ष की अवधि के लिए मिलता रहेगा।
इसके अलावा वैकल्पिक रूप से, परिवार सामान्य लाइसेंस शुल्क का भुगतान करके दो वर्ष की अवधि के लिए सरकारी आवास को बरकरार रख सकता है।
संशोधन में ये भी स्पष्ट किया गया है कि यदि मृतक कर्मचारी का परिवार दो वर्ष की अवधि पूरी होने से पहले स्वेच्छा से सरकारी आवास खाली कर देता है, तो शेष अवधि के लिए कोई मकान किराया भत्ता नहीं मिलेगा।
इन संशोधनों का उद्देश्य कर्मचारी की मृत्यु के बाद कठिन समय के दौरान कर्मचारियों के परिवारों को अधिक सहायता और वित्तीय राहत प्रदान करना है।
हरियाणा कैबिनेट ने सेवानिवृत्ति के 15 वर्ष बाद समर्पित पेंशन को बहाल करने को मंजूरी दी
चंडीगढ़, 26 जून — मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई हरियाणा कैबिनेट की बैठक में हरियाणा सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2016 के नियम 95(2) में संशोधन को मंजूरी दी गई, जो सरकारी कर्मचारियों द्वारा ली गई समर्पित पेंशन से संबंधित है।
संशोधन के अनुसार, सेवानिवृत्ति के समय सरकारी कर्मचारी द्वारा समर्पित की गई पेंशन की राशि को सेवानिवृत्ति की तिथि से 15 वर्ष पूर्ण होने पर पुनः बहाल कर दिया जाएगा।
यह निर्णय पेंशनर्स की लंबे समय से चली आ रही मांगों के अनुरूप है और इसका उद्देश्य सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अधिक वित्तीय सुरक्षा और गरिमा प्रदान करना है।
हरियाणा ने एनपीएस के तहत एकीकृत पेंशन योजना को अपनाया, 2 लाख से अधिक कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
चंडीगढ़, 26 जून – हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत भारत सरकार द्वारा अधिसूचित एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को लागू करने का निर्णय लिया है। इस ऐतिहासिक कदम के तहत यह 1 अगस्त, 2025 से प्रभावी होगी। 1 जनवरी, 2006 को या उसके बाद सरकार सेवा में आए 2 लाख से अधिक कर्मचारियों को लाभ मिलने की संभावना है।
इस आशय का निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। राज्य मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित इस योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन देना है।
नई एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) राज्य सरकार के कर्मचारी को सेवानिवृत्ति से पहले 12 महीनों के दौरान प्राप्त औसत मूल वेतन का 50% प्रदान करेगी, बशर्ते कर्मचारी 25 साल की सेवा पूरी कर ले। यदि कर्मचारी 10 या उससे अधिक वर्ष की अर्हक सेवा पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त होता है, तो उसे प्रति माह 10,000 रुपये का न्यूनतम गारंटीकृत भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। पेंशनभोगी की मृत्यु की स्थिति में, परिवार को अंतिम आहरित पेंशन राशि का 60% प्राप्त होगा।
यह महंगाई राहत सुनिश्चित पेंशन भुगतान और पारिवारिक पेंशन दोनों पर लागू होगी, जिसकी गणना सेवारत कर्मचारियों पर लागू महंगाई भत्ते के समान ही की जाएगी। हालांकि, महंगाई राहत केवल तभी देय होगी जब पेंशन भुगतान शुरू हो जाएगा।
सेवानिवृत्ति के समय एकमुश्त भुगतान की भी अनुमति दी जाएगी, जो अर्हक सेवा के प्रत्येक पूर्ण छह महीने के लिए मासिक परिलब्धियों (मूल वेतन + महंगाई भत्ता) का 10% होगा। यह एकमुश्त राशि सुनिश्चित पेंशन भुगतान को प्रभावित नहीं करेगी।
वर्तमान नई पेंशन योजना के तहत, कर्मचारी 10% अंशदान करते हैं, जबकि राज्य सरकार 14% योगदान करती है। यूपीएस के कार्यान्वयन के साथ, सरकार का योगदान बढ़कर 18.5% हो जाएगा, इससे सरकार के खजाने पर लगभग 50 करोड़ रुपये मासिक और 600 करोड़ रुपये का वार्षिक वित्तीय भार पड़ेगा।
एकीकृत पेंशन योजना के तहत कोष में दो निधियाँ शामिल होंगी: एक व्यक्तिगत कोष जिसमें कर्मचारी अंशदान और हरियाणा सरकार से प्राप्त योगदान शामिल होगा जो हरियाणा सरकार से अतिरिक्त योगदान द्वारा वित्त पोषित एक पूल कार्पस फंड के रूप में संचालित होगा।
योजना के तहत कर्मचारी अपने (मूल वेतन + महंगाई भत्ते) का 10% योगदान देंगे, जिसमें हरियाणा सरकार से मिला बराबर योगदान होगा। दोनों राशियाँ प्रत्येक कर्मचारी के व्यक्तिगत कोष में जमा की जाएँगी।
इसके अलावा, हरियाणा सरकार UPS का विकल्प चुनने वाले सभी कर्मचारियों के (मूल वेतन + महंगाई भत्ते) का अनुमानित 8.5% औसत आधार पर पूल कार्पस में योगदान करेगी। इस अतिरिक्त योगदान का उद्देश्य योजना के तहत सुनिश्चित भुगतान करना है।
कर्मचारी अपने व्यक्तिगत कोष के लिए निवेश विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं, जिसे पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा विनियमित किया जाएगा। यदि कोई कर्मचारी निवेश वरीयता निर्दिष्ट नहीं करता है, तो पीएफआरडीए द्वारा परिभाषित निवेश का ‘डिफ़ॉल्ट पैटर्न’ लागू होगा। अतिरिक्त सरकारी अंशदान द्वारा वित्तपोषित पूल कॉर्पस के लिए निवेश निर्णय पूरी तरह से हरियाणा सरकार द्वारा प्रबंधित किए जाएंगे।
जो कर्मचारी यूपीएस के चालू होने से पहले सेवानिवृत्त हुए और यूपीएस का विकल्प चुनते हैं, उनके लिए पीएफआरडीए टॉप-अप राशि प्रदान करने की व्यवस्था निर्धारित करेगा।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत हरियाणा सरकार के मौजूदा कर्मचारियों के साथ-साथ भविष्य के कर्मचारियों के पास एनपीएस के तहत एकीकृत पेंशन योजना चुनने या यूपीएस विकल्प के बिना मौजूदा एनपीएस को जारी रखने का विकल्प होगा। एक बार जब कोई कर्मचारी यूपीएस का विकल्प चुनता है, तो योजना की सभी शर्तें स्वीकार की जाएंगी, और यह विकल्प अंतिम होगा।
बोर्ड/निगमों/सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो तथा राज्य के विश्वविद्यालयों आदि में यूपीएस के कार्यान्वयन के बारे में निर्णय बाद में अलग से लिया जाएगा।
