हरियाणा कैबिनेट ने महिला सरकारी कर्मचारियों के लिए आकस्मिक अवकाश बढ़ाने को मंजूरी दी
चंडीगढ़, 26 जून – हरियाणा मन्त्रीमण्डल की बैठक आज यहां मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में सरकारी विभागों तथा बोर्डों, निगमों में कार्यरत नियमित महिला कर्मचारियों को अतिरिक्त आकस्मिक अवकाश प्रदान करने के लिए हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 2016 में संशोधन को मंजूरी दी गयी।
संशोधन के अनुसार, अब सभी नियमित महिला कर्मचारियों को प्रति कैलेंडर वर्ष 25 आकस्मिक अवकाश प्राप्त होंगे, जो पहले 20 थे।
इसके अतिरिक्त, जिस कैलेंडर वर्ष में किसी नियमित महिला कर्मचारी की नियुक्ति होती है, उस वर्ष में आकस्मिक अवकाश को लेकर भी निर्णय हुए है। इसके तहत 30 जून से पहले नियुक्त होने वाली कर्मचारियों को अब 20 के स्थान पर 25 आकस्मिक अवकाश मिलेंगे। 30 जून से 30 सितंबर के बीच नियुक्त होने वाली कर्मचारियों को 10 के स्थान पर 12 आकस्मिक अवकाश मिलेंगे। वहीं,30 सितंबर के बाद नियुक्त होने वाली कर्मचारियों को 5 के स्थान पर 6 आकस्मिक अवकाश मिलेंगे। साथ ही 30 नवंबर के बाद नियुक्त होने वाली कर्मचारियों को 2 के स्थान पर 3 आकस्मिक अवकाश मिलेंगे।
हरियाणा सम्बद्ध महाविद्यालय (पेंशन एवं अंशदायी भविष्य निधि) नियम, 1999 जो 2001 में संशोधित हुए थे को पुनः संशोधित करने के उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई
संशोधन में नियम 15 के उप-नियम 3(1) में खंड (एच) जोड़ा गया है, जिसमें अब कर्मचारी के “मानसिक विकार या विकलांगता से पीड़ित पुत्र एवं पुत्री या शारीरिक रूप से अपंग या विकलांग को भी लाभ के लिए शामिल किया है
चंडीगढ़, 26 जून – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज मंत्रीमंडल की हुई बैठक में हरियाणा सम्बद्ध महाविद्यालय (पेंशन एवं अंशदायी भविष्य निधि) नियम, 1999 जो 2001 में संशोधित हुए थे उनमें पुनः संशोधित करने के उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
संशोधन के अनुसार कर्मचारियों के आश्रितों को सामाजिक सुरक्षा एवं अनुकंपा सहायता सुनिश्चित करना है। इस संशोधन में पारिवारिक पेंशन के उद्देश्य से “परिवार” की परिभाषा का विस्तारित किया गया है।
संशोधन में नियम 15 के उप-नियम 3(1) में खंड (एच) जोड़ा गया है, जिसमें अब “मानसिक विकार या विकलांगता से पीड़ित पुत्र एवं पुत्री या शारीरिक रूप से अपंग या विकलांग, चाहे उनकी आयु कुछ भी हो, बशर्ते कि वे कर्मचारी के जीवित रहते उस पर पूरी तरह से आश्रित रहे हों” को शामिल किया गया है।
इस समावेशन से सरकारी सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के कर्मचारियों के लिए नियम हरियाणा सरकार के कर्मचारियों के लिए लागू नियमों के समतुल्य हो गए हैं, जिससे पेंशन वितरण में समानता एवं निष्पक्षता सुनिश्चित हुई है।
मंत्रीमंडल के इस निर्णय से यह सुनिश्चित होगा कि हरियाणा में सरकारी सहायता प्राप्त निजी प्रबंधित महाविद्यालयों के कर्मचारियों के मानसिक या शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों को अब आयु या तकनीकी परिभाषाओं के कारण पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने से वंचित नहीं रखा जाएगा, जिससे अधिक समावेशी कल्याणकारी दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा।
हरियाणा मंत्रिमंडल ने युद्ध हताहतों के आश्रितों को अनुकंपा आधार पर दी जाने वाली नियुक्ति नीति में छूट को मंजूरी प्रदान की
चंडीगढ़, 26 जून – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहाँ हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा मूल के युद्ध हताहतों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए हरियाणा सरकार की नीति में छूट प्रदान करने को स्वीकृति प्रदान की।
अनुकंपा आधार पर नियुक्ति के लिए 30 मई, 2014 की मौजूदा नीति और 27 अगस्त, 2014 को इसके बाद के संशोधन के अनुसार, युद्ध में हताहत हुए सैनिक/अर्ध सैनिक का आश्रित मृतक के पद के आधार पर ग्रुप बी, सी या डी पदों में नियुक्ति के लिए पात्र है, बशर्ते कि नीति के शुरू होने के तीन साल के अंदर- अंदर आवेदन किया हो। हालांकि, राज्य सरकार को युद्ध में हताहत हुए लोगों के कई आश्रितों से अभ्यावेदन प्राप्त हुए थे, जो निर्धारित तीन साल की अवधि के भीतर आवेदन नहीं कर सके, जिससे उनके मामले मौजूदा मानदंडों के अनुसार ‘समय-बाधित’ हो गए। सैनिकों के परिवारों के कल्याण और पुनर्वास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल ने नीति में छूट को मंजूरी दी है।
इस फैसले से सात ऐसे समय-बाधित मामलों में अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी जो तीन साल के अंदर-अंदर आवेदन नहीं दे सके थे। इनमें श्री हरपाल सिंह, सिपाही जिले सिंह (सेना) के पुत्र, जिनकी 9 अगस्त, 2006 को ऑपरेशन रक्षक के दौरान मौत हो गई थी; श्री संदीप गौतम, कांस्टेबल सुजीत कुमार (बीएसएफ) के भाई, जिनकी 152 बटालियन सीआरपीएफ के साथ 7 अप्रैल, 2004 को ड्यूटी के दौरान मौत हो गई थी; कुमारी ममता, कांस्टेबल रोहताश कुमार (बीएसएफ) की बेटी, जिन्होंने 42वीं बटालियन में 5 जुलाई, 1997 को सेवा करते हुए अपनी जान गंवा दी थी; कुमारी रितु, कांस्टेबल दिलबाग सिंह (बीएसएफ) की बेटी, जिनकी 88 बटालियन में 28 नवंबर, 2001 को सेवा के दौरान मौत हो गई थी सुश्री सोनू यादव, लांस नायक/चालक रामजस यादव (सीआरपीएफ) की पुत्री, जो 19 अप्रैल, 1990 को असम के मानस वन में उग्रवादियों द्वारा किए गए विस्फोट में शहीद हो गए थे; श्री तरुण, सिपाही भूपेंद्र सिंह (सेना) के पुत्र, जो 1 अगस्त, 2002 को जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन रक्षक के दौरान कार्रवाई में मारे गए थे और श्री नागेंद्र, हवलदार राम कुमार (सेना) के पुत्र, जिन्होंने ऑपरेशन विजय (कारगिल) के दौरान अपनी जान कुर्बान कर दी थी।
इसके अतिरिक्त, कैबिनेट ने आतंकवादियों के साथ मुठभेड के दौरान शहीद हुए श्री देवेन्द्र भाटी के भाई श्री भगत सिंह को नीति में छूट देते हुए अनुकम्पा आधार पर नियुक्ति देने को स्वीकृति प्रदान की है।
कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) नीति, 2024 के अंतर्गत ग्रुप-सी और ग्रुप-डी पदों पर भर्ती सम्बंधित नियमों में संशोधन को मंजूरी
चंडीगढ़, 26 जून: हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक आज मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) नीति, 2024 के अंतर्गत ग्रुप-सी और ग्रुप-डी पदों पर भर्ती सम्बंधित नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई।
संशोधन के अनुसार, ग्रुप-सी पदों के लिए सीईटी परीक्षा और अंकों के पैरा-7 में निहित प्रावधान को हटाया जाएगा। यह प्रावधान किया गया है कि ऐसे आवेदक का नाम कौशल और/या लिखित परीक्षा के लिए तब तक विचारार्थ नहीं लिया जाएगा जब तक कि वह उस पद के लिए आयोग द्वारा जारी विज्ञापन में निर्धारित अंतिम तिथि तक न्यूनतम आवश्यक शैक्षणिक योग्यता और/या अनुभव, यदि कोई हो, प्राप्त न कर ले।
ग्रुप-डी पदों के लिए सीईटी परीक्षा और अंकों से संबंधित पैरा-8(iii) का प्रावधान भी हटाया जाएगा। यह प्रावधान किया गया है कि ऐसा कोई आवेदक तब तक विज्ञापित पदों के लिए अन्य समान श्रेणी के, समान या कम सीईटी अंक प्राप्त पात्र उम्मीदवारों के समान चयन हेतु पात्र नहीं होगा जब तक कि वह उस पद के लिए आयोग द्वारा विज्ञापन में निर्धारित अंतिम तिथि तक न्यूनतम आवश्यक शैक्षणिक योग्यता और/या अनुभव, यदि कोई हो, प्राप्त न कर ले।
इसी प्रकार, पैरा-9 की उपधाराएं (i) से (vii) – ग्रुप-C पदों की भर्ती प्रक्रिया, पैरा-10 – ग्रुप-D पदों की भर्ती प्रक्रिया, पैरा-11 – आयोग द्वारा उम्मीदवारों के नाम की अनुशंसा, और पैरा-12 – प्रतीक्षा सूची से संबंधित प्रावधानों को भी हटाया जाएगा।
हरियाणा मंत्रीमंडल ने गुरुद्वारा चुनाव नियमों में संशोधन को दी मंजूरी
पीड़ित पक्ष को आयुक्त द्वारा पारित आदेशों को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की दी अनुमति
चंडीगढ़, 26 जून – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्क्षता में आज हुई बैठक में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (वार्डों का परिसीमन एवं चुनाव) नियम, 2023 के नियम 89 में संशोधन को मंजूरी दी गई।
नियम 89 के मौजूदा प्रावधानों के तहत कोई भी पीड़ित व्यक्ति आयुक्त, गुरुद्वारा चुनाव के आदेश को सक्षम न्यायालय में चुनौती दे सकता था। संशोधन के बाद आयुक्त, गुरुद्वारा चुनाव द्वारा इन नियमों के तहत पारित किसी भी आदेश से पीड़ित कोई भी पक्ष ऐसे आदेश पारित होने की तिथि से तीस दिनों के भीतर उच्च न्यायालय में चुनौती देने के लिए स्वतंत्र होगा।
गौरतलब है कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की चुनाव प्रक्रिया को संचालित करने के लिए हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (वार्डों का परिसीमन एवं चुनाव) नियम 2023 बनाए गए हैं।
एचएसएससी के अध्यक्ष को अब गोपनीय सेवाओं के लिए खर्च करने का अधिकार दिया गया
चंडीगढ़, 26 जून – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) के अध्यक्ष को भर्ती कार्यों से संबंधित गुप्त सेवा खर्च करने के लिए अधिकृत करने हेतु पंजाब वित्तीय नियम, खंड-II, वित्तीय पुस्तिका संख्या 2 (हरियाणा में यथा लागू) के परिशिष्ट-15 की क्रम संख्या 35 में संशोधन को मंजूरी दी गई।
एचएसएससी के अध्यक्ष को अब गोपनीय सेवाओं के लिए खर्च करने का अधिकार दिया गया है, जिसमें प्रश्न पत्रों की तैयारी, ओटीआर (एकमुश्त पंजीकरण/आवेदन आमंत्रण), डेटा शॉर्ट लिस्टिंग, रोल नंबर और परीक्षा केंद्रों का आवंटन, परिणाम तैयार करना, लेखन सामग्री, पैकिंग सामग्री, परीक्षकों को भुगतान, प्रश्न पत्र तैयार करने वालों को भुगतान, सीबीटी (कंप्यूटर आधारित परीक्षा) डिजिटल डेटा का ऑडिट (बायोमेट्रिक, सीसीटीवी, आवेदन डेटा आदि), दस्तावेजों की ऑनलाइन जांच आदि और कोई अन्य गतिविधि शामिल है, जिसे अध्यक्ष समय-समय पर प्रौद्योगिकी में परिवर्तन/उन्नति के अनुसार गुप्त मानते हैं।
ये संशोधन पंजाब वित्तीय नियम, खंड-II (हरियाणा संशोधन) नियम, 2025 के रूप में अधिसूचित किए गए हैं तथा आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन के पश्चात लागू होंगे।
हरियाणा मंत्रीमंडल ने ट्रेजरी अधिकारी भर्ती नियमों में संशोधन को दी मंजूरी
एटीओ के 75 प्रतिशत पद एचपीएससी के माध्यम से भरे जाएंगे
चंडीगढ़, 26 जून- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज हुई बैठक में खजाना कार्यालय के संचालन को बेहतर बनाने और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से हरियाणा वित्त विभाग ट्रेजरी (ग्रुप बी) सेवा नियम, 1980 में संशोधन को मंजूरी दी गई।
संशोधन के बाद भर्ती प्रक्रिया में आसानी होगी और ट्रेजरी विभाग में नियुक्तियों में अधिक योग्यता आधारित पारदर्शिता आएगी। संशोधित नियमों के तहत अब सहायक ट्रेजरी अधिकारी (एटीओ) के केवल 25 प्रतिशत पद पदोन्नति के माध्यम से भरे जाएंगे, जबकि पहले 50 प्रतिशत भरे जाते थे। इसके अलावा, अब शेष 75 प्रतिशत पद हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) द्वारा सीधे भर्ती किए जाएंगे, जोकि पहले 50 प्रतिशत होता था।
ट्रेजरी ऑफिसर (टीओ) और असिस्टेंट ट्रेजरी ऑफिसर के पदों पर भर्ती में तीन पेपर होंगे। पेपर 1 मुख्य लिखित परीक्षा (पेपर II और III) के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए एक वस्तुनिष्ठ प्रकार, ओएमआर-आधारित प्रारंभिक परीक्षा होगी। विज्ञापित रिक्तियों की संख्या से कुल 15 गुना उम्मीदवारों को मुख्य लिखित परीक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। मुख्य परीक्षा से रिक्तियों की संख्या से तीन गुना उम्मीदवारों को मौखिक परीक्षा के लिए बुलाया जाएगा। मौखिक परीक्षा के लिए क्वालीफाई करने के लिए उम्मीदवारों को सभी लिखित पेपरों में कुल मिलाकर न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे, जिसमें प्रत्येक लिखित पेपर में कम से कम 33 प्रतिशत अंक होने चाहिए। वर्तमान में राज्य में ट्रेजरी ऑफिसर के 25 और असिस्टेंट ट्रेजरी ऑफिसर के 85 पद स्वीकृत हैं।
कन्या महाविद्यालय, खरखौदा के अधिग्रहण को मिली मंजूरी
चंडीगढ़, 26 जून – हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक आज मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में कन्या महाविद्यालय, खरखौदा के अधिग्रहण से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
महाविद्यालय के प्रबंधन की लगातार मांग और उच्च शिक्षा विभाग की पांच सदस्यीय विभागीय समिति की सिफारिश के आधार पर कन्या महाविद्यालय, खरखौदा के अधिग्रहण के प्रस्ताव को कैबिनेट द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है।