कहा-संविधान बदलने की बात कोई आकस्मिक बयान नहीं, बल्कि एक गहरी साजिश है

चंडीगढ़, 28 जून। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और उसकी मातृ संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर से बार-बार भारतीय संविधान को बदलने की बात कोई आकस्मिक बयान नहीं, बल्कि एक गहरी साजिश का हिस्सा है। यह एक सुव्यवस्थित एजेंडा है, जिसका उद्देश्य डॉ. भीमराव आंबेडकर द्वारा रचित हमारे संविधान की आत्मा पर सीधा आघात करना है।

मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि आरएसएस और भाजपा की विचारधारा को संविधान असहज करता है क्योंकि यह संविधान समता, सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक मूल्यों की गारंटी देता है। यही संविधान सदियों से वंचित समाजों को अधिकार, सम्मान और अवसर प्रदान करता आया है। अब उन्हीं अधिकारों को छीनने की कोशिश की जा रही है। कभी आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी सार्वजनिक रूप से संविधान को बदलने की बात करते हैं, तो कभी भाजपा सरकार के मंत्री ऐसे बयानों और नीतियों को बढ़ावा देते हैं जो सीधे संविधान की मूल भावना के विरुद्ध हैं। सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मानती है कि भारतीय संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि देश की आत्मा है। यह संविधान ही है जिसने भारत को विविधता में एकता के सूत्र में पिरोया, हर नागरिक को समान अधिकार और अवसर दिए। इसे कमजोर करने या बदलने की किसी भी कोशिश को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।

कुमारी सैलजा ने कहा कि वे स्पष्ट करना चाहती है कि कांग्रेस पार्टी ऐसे किसी भी विचार, नीति या प्रयास का डटकर विरोध करेगी जो संविधान के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध हो। बाबा साहेब आंबेडकर ने जिस संविधान का निर्माण किया, वह करोड़ों दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं के संघर्ष का परिणाम है। उस पर हमला करना दरअसल इन सभी वर्गों की आवाज को दबाने की कोशिश है। हम भाजपा और आरएसएस के इस संविधान विरोधी एजेंडे को देश के हर कोने में बेनकाब करेंगे। हम जनता को जागरूक करेंगे, और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि संविधान की रक्षा के लिए यह समय एकजुट होने का है। वे देश के तमाम संवेदनशील, जागरूक और न्यायप्रिय नागरिकों से अपील करती है कि वे इस साजिश को समझें और इसे नकारें। कांग्रेस पार्टी और वे स्वयं इस लड़ाई में सबसे आगे खड़े रहेंगे। संविधान को कोई छू नहीं सकता, जब तक देश की जनता जागरूक और संगठित है।

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