गुड़गांव, 29 जून (अशोक)। गुड़गांव नगर निगम और जीएमडीए द्वारा शहरवासियों की सुविधा के लिए बनाए गए पार्कों का रखरखाव प्रशासनिक उदासीनता की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। सैक्टर-9ए क्षेत्र स्थित एक प्रमुख पार्क में सभी स्ट्रीट लाइटें लंबे समय से बंद पड़ी हैं, जिसके कारण शाम ढलते ही पूरा पार्क अंधेरे में डूब जाता है।

बच्चों, महिलाओं और वृद्धजनों की उपस्थिति वाले इस पार्क में सुबह-शाम टहलने वालों की संख्या लगातार घटती जा रही है। अंधेरे के कारण जहां बच्चे और महिलाएं असहज महसूस करती हैं, वहीं असामाजिक तत्वों की मौजूदगी का डर लोगों के मन में बना रहता है।

स्थानीय निवासियों ने बताया कि पार्क में लाइटें तो लगाई गई हैं, लेकिन उनका समय पर रखरखाव नहीं किया जा रहा। कई बार नगर निगम और संबंधित पार्षद को शिकायतें दी गईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

स्थानीय महिला निवासी कविता शर्मा कहती हैं, “रोज़ाना बच्चे खेलते थे और महिलाएं व बुज़ुर्ग टहलने आते थे। लेकिन अब शाम के समय पार्क सुनसान हो जाता है। डर लगता है कहीं कोई अप्रिय घटना न हो जाए।”

वरिष्ठ नागरिक रमेश भटनागर ने बताया, “हमने कई बार नगर निगम को लिखित में सूचना दी है, लेकिन हर बार आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। अब तो लोग पार्क आना ही बंद कर रहे हैं।”

जनता की मांग:

  • तुरंत सभी बंद लाइटों की मरम्मत की जाए।
  • नियमित निरीक्षण कर रखरखाव की जिम्मेदारी तय की जाए।
  • असामाजिक तत्वों की रोकथाम के लिए सुरक्षा गश्त बढ़ाई जाए।

गौरतलब है कि नगर निगम द्वारा पार्कों के विकास पर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन यदि रखरखाव और निगरानी पर ध्यान नहीं दिया गया, तो ये सुविधाएं धीरे-धीरे बेकार होती जाएंगी।

अब देखना यह है कि निगम प्रशासन जनता की आवाज़ पर कब संज्ञान लेता है, या फिर किसी अनहोनी का इंतजार किया जाएगा?

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