गुरुग्राम। पटेल नगर सुधार मंडल के प्रधान व सिविल डिफेंस हेड वार्डनर व रेडक्रॉस के आजीवन सदस्य दीपचंद ने कहा कि प्रदेश में बिजली की कीमतों में चार गुणा वृद्धि और 10 किलोवाट से अधिक लोड पर 250 रुपये प्रति किलोवाट का फिक्स चार्ज लगाकर सरकार ने लोगों की कमर तोडऩे का काम किया है।

इससे आमजन पर असर होगा। लघु एवं मध्यम उद्योगों पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जो बिल एक हजार रुपये तक आता था, वह बिजली दरों में बढ़ोतरी के इस फैसले से व बिल चार हजार तक आ रहा है। सरकार की इस नीति से छोटे उद्योगों के पास 100 किलोवाट का कनेक्शन है तो 250 रुपये प्रति किलोवाट से केवल फिक्सड चार्ज लगाकर सरकार ने लोगों की कमर तोडऩे का काम किया है। इससे न आमजन पर असर होगा, बल्कि छोटे एवं बीच के उद्योगों पर भी असर पड़ेगा।

उनका कहना है कि जो बिल एक हजार रुपये तक बिजली बिल के जाते थे, बिजली दरों में बढ़ोतरी से बिल अब चार हजार रुपये तक आ रहा है। जिन छोटे उद्योगों के पास 100 किलोवाट का कनेक्शन है तो 250 रुपये प्रति किलोवाट से केवल फिक्सड चार्ज के रूप में 2500 रुपये प्रति माह देना होगा। दीपचंद ने कहा कि सरकार जहां तीन रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीद रही है, वही छोटे उपभोक्ताओं को 6.50 से 7.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से बेच रही है। उस पर भारी भरकम फिक्सड चार्ज लगाना हर तरह से गलत है। सरकार से मांग है कि बिजली की बढ़ी हुई कीमतों को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए। लोगों को सस्ती बिजली दी जाए।

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