सरसों तेल के दाम ढाई गुना बढ़ाकर किया गरीबों का शोषण, वोट बैंक के लिए चलाया “बीपीएल घोटाला”

चंडीगढ़/रेवाड़ी, 3 जुलाई 2025। स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा भाजपा सरकार पर बीपीएल परिवारों के साथ बड़ा धोखा करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि एक ओर तो सरकार ने लाखों पात्र परिवारों को बीपीएल सूची से हटा दिया, दूसरी ओर अब गरीबों के थाली से रियायती सरसों तेल भी छीन लिया गया। जो तेल पहले 40 रुपये में मिलता था, अब उसकी कीमत ढाई गुना बढ़ाकर 100 रुपये कर दी गई है, जो खुली लूट और गरीब विरोधी निर्णय है।

“सरकार ने वोट के लिए बीपीएल सूची में की हेराफेरी”

वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि 2022-23 में जहां बीपीएल परिवारों की संख्या 22-23 लाख थी, उसे चुनाव से पहले सितम्बर 2024 तक बढ़ाकर 52 लाख कर दिया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर डेढ़ साल में हरियाणा में 30 लाख नए गरीब कैसे हो गए? क्या ये सिर्फ वोट हथियाने की स्कीम नहीं थी?

“चुनाव बाद शुरू हो गया बीपीएल परिवारों की सफाई अभियान”

विद्रोही ने बताया कि चुनाव खत्म होते ही बीते तीन महीनों में करीब 5 लाख बीपीएल कार्ड रद्द कर दिए गए हैं। उन्होंने चेताया कि जुलाई में और डेढ़ लाख कार्ड काटे जाएंगे। यह साफ दर्शाता है कि सरकार ने गरीबों को केवल एक वोट बैंक समझ कर इस्तेमाल किया और अब उनके हकों पर कैंची चलाई जा रही है।

“सरसों तेल की कीमत बढ़ाना गरीबों पर सीधा हमला”

विद्रोही ने कहा कि पहले ही बढ़ती महंगाई ने आमजन का जीना मुहाल कर रखा है, अब बीपीएल परिवारों के लिए जरूरी वस्तुएं भी उनसे छीनी जा रही हैं। सरसों के तेल की कीमत एक झटके में ढाई गुना बढ़ाना गरीबों के रसोई पर करारा वार है।

“2029 तक फिर होगा बीपीएल कार्ड का ‘खेल’”

विद्रोही ने चेतावनी दी कि भाजपा का यह चुनावी स्टंट रुकने वाला नहीं है। 2029 के लोकसभा व विधानसभा चुनावों के ठीक पहले रातों-रात लाखों नए बीपीएल कार्ड बनाए जाएंगे, ताकि फिर से गरीबों को झांसा देकर वोट बटोरा जा सके। उन्होंने जनता से अपील की कि भाजपा के इस षड्यंत्र को समझें और इनके बहकावे में न आएं

“गरीब विरोधी भाजपा को करें सत्ता से बाहर”

अंत में विद्रोही ने कहा कि यह समय है कि गरीब, मजदूर, किसान और वंचित वर्ग भाजपा की फरेबी राजनीति को पहचानकर एकजुट हो और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाकर सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाए।

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