भाजपा सरकार पर वोट लेकर बोझ थोपने और सुविधाएं छीनने का आरोप

चंडीगढ़/रेवाड़ी, 5 जुलाई 2025। स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि तीसरी बार सत्ता में लौटने के बाद भाजपा सरकार ने विगत 8 महीनों में आमजन पर लगातार आर्थिक बोझ लादने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सरकार न सिर्फ लोगों की जेब पर डाका डाल रही है, बल्कि पहले से मिल रही जन-सुविधाओं में भी सुनियोजित कटौती कर रही है।

विद्रोही ने बताया कि हाल ही में खनन रॉयल्टी में की गई भारी बढ़ोतरी से आम लोगों के लिए घर बनाना दुश्वार हो जाएगा। भाजपा सरकार ने हरियाणा खनिज स्टाकिंग, परिवहन और अवैध खनन निवारण संशोधन नियम 2025 के तहत नई अधिसूचना जारी कर दी है, जिससे अब:

  • पत्थर-बजरी की रॉयल्टी ₹45 से बढ़ाकर ₹100 प्रति टन,
  • बालू-रेत की रॉयल्टी ₹40 से बढ़ाकर ₹80 प्रति टन,
  • चूना पत्थर/कंकर की रॉयल्टी ₹150 प्रति टन कर दी गई है।
  • साथ ही, हरियाणा के बाहर से लाई गई खनिज सामग्री पर भी ₹100 प्रति टन का अतिरिक्त शुल्क वसूला जाएगा।

“घर बनाने का सपना अब आम आदमी के लिए और दूर हो गया”

विद्रोही ने कहा कि यह वृद्धि सीधी तौर पर आमजन की जेब पर प्रहार है। “पहले ही महंगाई से जूझ रहा मध्यमवर्ग और गरीब तबका अब गृह निर्माण की लागत में 1.5 से 2 गुना बढ़ोतरी झेलेगा। ईंट, सीमेंट, सरिया के बाद अब रेत-बजरी पर भी सरकार ने दोहरी मार कर दी है।”

“वोट हड़पकर गरीबों पर दोहरी मार”

वेदप्रकाश विद्रोही ने सरकार पर गरीबों को छलने का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनावों से पहले भाजपा ने लोगों को बीपीएल कार्ड देकर वोट बटोरे और अब वही गरीब बीपीएल सूची से हटा दिए जा रहे हैं। “कागजों में वही गरीब अब अमीर बना दिए गए हैं ताकि उन्हें सरकारी योजनाओं से वंचित किया जा सके।”

“भाजपा का फंडा साफ है: पहले वोट लूटो, फिर जेब काटो”

विद्रोही ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार का एकमात्र उद्देश्य जनता से वोट लेकर उन्हें आर्थिक रूप से तोड़ना है। उन्होंने कहा, “सरकार ने एक के बाद एक फैसले ऐसे लिए हैं, जो गरीब, किसान और मजदूर विरोधी हैं। चाहे बिजली दरों में बढ़ोतरी हो, राशन प्रणाली में कटौती हो या अब खनन सामग्री की कीमतों में वृद्धि – हर फैसला आमजन के खिलाफ गया है।”

मांग: रॉयल्टी वृद्धि वापस ले सरकार

वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि आमजन पर पड़ रहे आर्थिक दबाव को देखते हुए तुरंत खनन रॉयल्टी में की गई वृद्धि को वापस लिया जाए और गरीबों को दोबारा राहत पहुंचाने के लिए योजनाएं बहाल की जाएं।

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