रेवाड़ी, 6 जुलाई 2025 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आज महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रशासक और दलित समाज के प्रबल हितैषी बाबू जगजीवन राम की 38वीं पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि बाबू जगजीवन राम का जीवन संघर्ष, त्याग और सामाजिक न्याय की प्रेरक गाथा है। उन्होंने गुलामी के दौर में विषम परिस्थितियों से निकलकर उच्च शिक्षा प्राप्त की और देश की आजादी की लड़ाई में भाग लेते हुए कई बार जेल गए। उन्होंने दलित, वंचित और पिछड़े वर्ग के सामाजिक व आर्थिक उत्थान के लिए युवा अवस्था से ही सतत संघर्ष किया।

विद्रोही ने कहा कि बाबूजी महात्मा गांधी के सच्चे अनुयायी थे और आजीवन दलित समाज की बेहतरी के लिए समर्पित रहे। स्वतंत्र भारत में उन्होंने पं. नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी और मोरारजी देसाई के मंत्रिमंडल में रहकर कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी निभाई।

उन्होंने बताया कि बाबूजी एक कुशल प्रशासक थे, जिन्होंने कृषि मंत्री के रूप में भारत में हरित क्रांति को सफल बनाने में योगदान दिया, वहीं 1971 के भारत-पाक युद्ध में रक्षा मंत्री के रूप में पाकिस्तान को करारा जवाब देने में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई।

वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर के बाद अगर कोई नेता दलित समाज के सशक्तिकरण का बड़ा प्रतीक बना तो वह बाबू जगजीवन राम ही थे। उन्होंने मंत्री रहते हुए अनेक कल्याणकारी योजनाएं बनाई जो आज भी समाज को लाभान्वित कर रही हैं।

अंत में विद्रोही ने कहा कि बाबूजी का जीवन और योगदान आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है। ऐसे महान राष्ट्रभक्त को उनकी पुण्यतिथि पर नमन कर हम स्वयं को गौरवांवित महसूस करते हैं।

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