साइबर शाखा में दर्ज हुआ मुकदमा, नागरिकों को डाउनलोड या भुगतान के लिए फर्जी दबाव से बचने की सलाह

गुरुग्राम, 7 जुलाई। गुरुग्राम नगर निगम ने हाल के दिनों में नागरिकों को प्राप्त हो रहे फर्जी कॉल और संदिग्ध मोबाइल संदेशों को लेकर साइबर धोखाधड़ी की चेतावनी जारी की है। इन संदेशों में नगर निगम के अधिकारी बनकर एक विशेष मोबाइल ऐप डाउनलोड करने, जल आपूर्ति कटने की धमकी या जल्दी भुगतान के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
मेयर राजरानी मल्होत्रा ने नागरिकों से अपील की है कि वे इन फर्जी संदेशों या कॉल के झांसे में न आएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि नगर निगम गुरुग्राम की ओर से ऐसी कोई अधिसूचना अधिकृत रूप से जारी नहीं की गई है। इस संदर्भ में नगर निगम ने साइबर शाखा गुरुग्राम में आधिकारिक शिकायत और मुकदमा भी दर्ज कराया है।
“फिशिंग अटैक हो सकता है लिंक पर क्लिक करना”
मेयर ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व नगर निगम के नाम का दुरुपयोग कर, नागरिकों को भ्रमित करने और उनकी निजी जानकारी प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।
“नगर निगम की ओर से न तो किसी विशेष ऐप को डाउनलोड करने का आदेश जारी हुआ है, और न ही इस प्रकार की किसी डिजिटल प्रक्रिया को अनिवार्य किया गया है,” — मेयर राजरानी मल्होत्रा
उन्होंने नागरिकों को सचेत किया कि वे ऐसे किसी भी कॉल या संदेश पर विश्वास न करें जिसमें:
- किसी ऐप को तुरंत डाउनलोड करने के लिए कहा जा रहा हो,
- लिंक पर क्लिक करने की बात हो (यह फिशिंग अटैक हो सकता है),
- व्यक्तिगत जानकारी जैसे OTP, बैंक डिटेल्स या आधार नंबर साझा करने को कहा जा रहा हो।
नगर निगम की ओर से दी गई स्पष्ट जानकारी
नगर निगम ने यह स्पष्ट किया है कि भविष्य में अगर किसी डिजिटल सेवा या ऐप को लेकर कोई निर्देश जारी किया जाएगा तो वह केवल:
- नगर निगम गुरुग्राम की आधिकारिक वेबसाइट,
- प्रेस विज्ञप्तियों, या
- स्थानीय समाचार पत्रों के माध्यम से ही किया जाएगा।
सुरक्षा और सतर्कता सबसे बड़ा बचाव
मेयर ने कहा कि इन फर्जी संदेशों का उद्देश्य नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी चुराकर उसे वित्तीय धोखाधड़ी या पहचान चोरी में उपयोग करना है। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि:
- किसी भी संदिग्ध संदेश या कॉल की तुरंत सूचना साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें,
- या निकटतम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं।
नागरिकों से सहयोग की अपील
नगर निगम ने अंत में सभी गुरुग्रामवासियों से सहयोग की अपील की है कि वे सतर्क रहें और दूसरों को भी जागरूक करें, ताकि ऐसे साइबर अपराधियों के मंसूबों को विफल किया जा सके।