गुरुग्राम/रेवाड़ी, 8 जुलाई 2025: स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से आग्रह किया है कि रेवाड़ी में प्रस्तावित 200 बेड के जिला अस्पताल को लेकर सरकार स्पष्ट निर्णय लेकर जनता को सूचित करे, ताकि इस मुद्दे पर पैदा हुआ राजनीतिक और सामाजिक विवाद समाप्त हो और भाईचारा बना रहे

विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने बीते 8 वर्षों से जमीन अधिग्रहण में टालमटोल कर रेवाड़ी क्षेत्र के साथ अन्याय किया है और अब जब पांच ग्राम पंचायतें — भगवानपुर, गोकलगढ़, माजरा श्योराज, शहबाजपुर खालसा और फिदेड़ी — अस्पताल के लिए मुफ्त में जमीन देने को तैयार हैं, तब भी सरकार निर्णय नहीं ले रही।

“जब अस्पताल रेवाड़ी के 3-4 किलोमीटर के दायरे में ही बनना तय है, तो फिर उसे लेकर इतना विवाद और टालमटोल क्यों? लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित कर देना और उन्हें आपस में बाँटना, यह कैसी नीति है?” — वेदप्रकाश विद्रोही

उन्होंने कहा कि अस्पताल निर्माण जैसे अहम विषय को राजनीतिक लाभ और श्रेय की होड़ में उलझाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सिर्फ आमजन की उम्मीदों के साथ धोखा ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय सौहार्द को नुकसान पहुँचाने वाला कदम है।

विद्रोही ने दो टूक सवाल किया कि यदि सरकार की नीयत साफ है, तो वह बताए कि इन पांच गांवों में से किस स्थान पर जमीन सबसे उपयुक्त मानी गई है? यह निर्णय सार्वजनिक कर देना चाहिए, ताकि अनावश्यक विवाद खत्म हो और निर्माण प्रक्रिया शुरू हो सके।

उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि वे “भावनात्मक राजनीति” और “वोट बैंक संतुलन” से ऊपर उठकर इस प्रोजेक्ट पर जल्द निर्णय लें।

“भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि जनता ने 11 वर्षों से पार्टी को समर्थन दिया है। अब जवाबदेही की बारी सरकार की है। विकास की बजाय बहाना राजनीति का समय नहीं है।” — विद्रोही

निष्कर्ष:

वेदप्रकाश विद्रोही का यह बयान भाजपा सरकार पर एक सीधा और तीखा राजनीतिक हमला माना जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि यदि सरकार इस मुद्दे पर पारदर्शिता नहीं दिखाती, तो जनता यह समझने लगेगी कि अस्पताल निर्माण सिर्फ राजनीतिक नौटंकी बनकर रह गया है।

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