कहा – खेल विभाग का मज़ाक बना रही है भाजपा सरकार, खिलाड़ी सुविधाओं से वंचित

गुरुग्राम, 9 जुलाई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक बुवानीवाला ने हरियाणा में खेल विभाग की दुर्दशा को लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जब आधा प्रदेश जिला खेल अधिकारियों (DSO) के बिना चल रहा हो, तो ऐसे में सरकार द्वारा “खेल महाकुंभ” जैसे आयोजनों की घोषणा केवल दिखावा है और खिलाड़ियों के साथ अन्याय है।

खाली पड़े हैं DSO के पद

बुवानीवाला ने खुलासा किया कि भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, गुड़गांव और करनाल जैसे ज़िलों में लंबे समय से DSO नहीं हैं। कुछ जिलों में तो तीन से चार वर्षों से यह पद खाली हैं। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त होने या ट्रांसफर के बाद सरकार ने न तो नई नियुक्तियां की और न ही किसी को अतिरिक्त चार्ज सौंपा।

“खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने और खेल ढांचे को मजबूत करने में DSO की अहम भूमिका होती है। लेकिन सरकार की उदासीनता ने खेल विभाग को मज़ाक बना दिया है।” – अशोक बुवानीवाला

प्रमोशन भी अटकी, न चार्ज, न व्यवस्था

बुवानीवाला ने कहा कि कई अधिकारी प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार जानबूझकर प्रक्रिया टाल रही है। उन्होंने बताया कि आने वाले दो महीनों में दो और डीएसओ सेवानिवृत्त हो जाएंगे, जिससे स्थिति और अधिक बिगड़ जाएगी।

“खेल महाकुंभ” सिर्फ दिखावा

बुवानीवाला ने आरोप लगाया कि सरकार का “खेल महाकुंभ” आयोजन केवल प्रचार का साधन है।

“खिलाड़ियों की मेहनत से आए मेडल पर सरकार इतराती है, जबकि सुविधाएं देने में विफल है।” – अशोक बुवानीवाला

सरकार से मांगें

बुवानीवाला ने राज्य सरकार से निम्न मांगें की:

  • DSO पदों पर तत्काल नियुक्ति की जाए।
  • प्रमोशन प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाए।
  • खेलों के लिए आवश्यक सामान व आधारभूत ढांचा मुहैया कराया जाए।
  • सरकार खिलाड़ियों की मेहनत का सम्मान करे, उसे केवल अपनी उपलब्धि बताकर प्रचार न करे।

निष्कर्ष

बुवानीवाला ने दो टूक कहा कि जब सरकार खिलाड़ियों को मूलभूत सुविधाएं नहीं दे सकती, तो उनके मेडल पर इतराने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने चेताया कि अगर सरकार ने खेलों को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई, तो कांग्रेस इस मुद्दे को जोरशोर से उठाएगी।

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