स्थानीय लोकतंत्र को मिलेगा नया आयाम, निर्णय प्रक्रिया होगी अधिक पारदर्शी

हिसार, 10 जुलाई। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण द्वारा शहरी निकायों में ‘स्पीकर’ पद सृजित करने का जो सुझाव दिया गया है, उसे भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व नगर निगम पार्षद सुरेश गोयल ‘धूप वाला’ ने व्यवहारिक और लोकतंत्र को मजबूत करने वाला बताया है।
अपने वक्तव्य में सुरेश गोयल ने कहा कि यह पहल निर्णय प्रक्रिया को अधिक निष्पक्ष, मर्यादित और पारदर्शी बनाएगी। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में पहले से ही ऐसी व्यवस्था लागू है, जहां इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इससे नगर निकायों की बैठकों में अनुशासन बना रहता है और सभी पार्षदों को समान अवसर मिलता है।
गौरतलब है कि हाल ही में गुरुग्राम के मानेसर में आयोजित शहरी निकायों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में भी इस विषय पर गंभीर विमर्श हुआ। सम्मेलन का उद्देश्य था—छोटी विधायी संस्थाओं में उत्तरदायित्वपूर्ण संवाद का वातावरण बनाना और ‘विकसित भारत 2047’ के संकल्प को साकार करने में शहरी निकायों की भूमिका को सशक्त करना।
गोयल ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का यह सुझाव उसी राष्ट्रीय सोच का विस्तार है। यदि शहरी निकायों में भी स्पीकर पद को लागू किया जाता है, तो इससे न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं मजबूत होंगी, बल्कि जनहित के कार्यों को भी अधिक प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जा सकेगा।
उन्होंने उम्मीद जताई कि यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय बन सकती है और देश भर में स्थानीय शासन व्यवस्था को नई दिशा दे सकती है।