कहा – हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट में डाले अवमानना याचिका, सेना की निगरानी में हो एसवाईएल निर्माण

दिल्ली/रेवाड़ी/चंडीगढ़, 10 जुलाई 2025। स्वयंसेवी संस्था “ग्रामीण भारत” के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने एसवाईएल (सतलुज-यमुना लिंक नहर) मुद्दे पर केंद्र सरकार और हरियाणा-पंजाब सरकारों की भूमिका पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री सी.आर. पाटिल की अध्यक्षता में हुई ताज़ा बैठक भी बेनतीजा रही, और आगामी 5 अगस्त को अगली बैठक की तिथि तय कर केवल “बैठक-बैठक का खेल” खेला जा रहा है।

विद्रोही ने आरोप लगाया कि यह सब केंद्र सरकार और दोनों राज्यों की मिलीभगत से हो रहा है ताकि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले कोई निर्णायक कार्रवाई न हो। उन्होंने कहा कि जब इस तरह की बैठकों से कुछ हासिल नहीं हो रहा, तो हरियाणा सरकार को पंजाब सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर करनी चाहिए।

“जनवरी 2002 में सुप्रीम कोर्ट ने एसवाईएल नहर निर्माण के पक्ष में आदेश दिया था। हरियाणा सरकार यदि ईमानदारी से काम करे, तो कोर्ट से पंजाब में अधूरी पड़ी एसवाईएल नहर का निर्माण **सेना की निगरानी में, सीमा सड़क संगठन से करवाने की अनुमति मांगे।” – वेदप्रकाश विद्रोही

उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों पर आरोप लगाया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट में ऐसी याचिका डालने से बच रहे हैं, ताकि केंद्र की जिम्मेदारी न बन पाए।

पंजाब का सख्त रुख

विद्रोही ने बताया कि दिल्ली में हालिया बैठक के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट रूप से कहा कि “एसवाईएल नहर बनाने का कोई सवाल ही नहीं उठता।” उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने नहर के लिए अधिग्रहित की गई जमीन किसानों को वापस कर दी है और जो नहर पहले बनी थी, उसे भी आट दिया गया है

भगवंत मान ने बैठक में प्रस्ताव दिया कि जब तक इंडस वाटर ट्रीटी रद्द नहीं होती और चिनाब, सिंधु नदी का पानी पंजाब को नहीं मिलता, तब तक पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए कोई “फालतू पानी” नहीं है।

मुख्यमंत्री नायब सैनी पर हमला

वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के उस बयान पर भी सवाल उठाए, जिसमें उन्होंने बैठक को “सार्थक” बताया था। विद्रोही ने पूछा कि जब पंजाब का रुख इतना साफ है, तो बैठक को सार्थक कहना हरियाणावासियों के साथ धोखाधड़ी नहीं तो और क्या है?

समाधान क्या?

वेदप्रकाश विद्रोही ने मांग की कि अब वक्त आ गया है जब हरियाणा सरकार को राजनीतिक नौटंकी छोड़कर सीधा सुप्रीम कोर्ट का रुख करना चाहिए और 2002 के आदेश की पालना करवाने की ठोस पहल करनी चाहिए

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