स्वास्थ्य जोखिम पर जताई चिंता, अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश

पंचकूला, 10 जुलाई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) पंचकूला की सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सुश्री अपर्णा भारद्वाज ने बुधवार को सेक्टर-6 स्थित सरकारी अस्पताल के नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण किया। यह निरीक्षण प्राधिकरण के मासिक विधिक सेवा आउटरीच एवं निगरानी अभियान के तहत किया गया।

निरीक्षण के दौरान सुश्री भारद्वाज ने केंद्र में उपचार प्राप्त कर रहे नशाग्रस्त एवं मानसिक रोगियों से संवाद किया और उन्हें नालसा योजना, 2015 के अंतर्गत मिलने वाली निःशुल्क कानूनी सहायता, पुनर्वास सेवाओं और उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी दी।

निरीक्षण के दौरान एक गंभीर लापरवाही भी सामने आई, जब केंद्र परिसर के गलियारे में चिकित्सा अपशिष्ट खुले में पड़ा हुआ पाया गया। उन्होंने इसे रोगियों, स्टाफ और आगंतुकों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बताते हुए संबंधित उच्चाधिकारियों को तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई के निर्देश देते हुए एक आधिकारिक पत्र प्रेषित किया है।

इस मौके पर केंद्र में तैनात डॉ. मनोज ने जानकारी दी कि यहाँ शराब, ओपिओइड और कैनाबिनोइड जैसे नशे के आदी रोगियों का उपचार किया जाता है। उन्होंने केंद्र में अपनाई जा रही परामर्श और चिकित्सकीय पद्धतियों के बारे में भी विस्तार से बताया।

सुश्री भारद्वाज ने केंद्र में रोगी प्रवेश रिकॉर्ड, दवा वितरण लॉग और परामर्श रजिस्टर का निरीक्षण कर दस्तावेज़ों के अद्यतन, गोपनीयता और पारदर्शिता पर विशेष ज़ोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि रोगियों को पुनर्वास प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए, ताकि वे सामान्य जीवन की ओर लौट सकें।

निरीक्षण के पश्चात उन्होंने बताया कि यह दौरा हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (HALSA) की कार्य योजना 2025 का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत राज्य के विभिन्न हिरासत व स्वास्थ्य संस्थानों का नियमित निरीक्षण कर कमजोर वर्गों को अधिकार-आधारित सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।

अंत में, उन्होंने सरकारी एजेंसियों और नागरिक समाज संगठनों से अपील की कि नशे की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा। डीएलएसए पंचकूला की ओर से मानवीय, सुरक्षित और कानूनी रूप से मान्य पुनर्वास सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता दोहराई गई।

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