पेरिस के बाद बैंगलोर में भी रजत पदक जीतकर किया हरियाणा का नाम रोशन

गुरुग्राम, 13 जुलाई : 75 प्रतिशत दिव्यांगता को आत्मबल में बदलने वाले अंतरराष्ट्रीय पैरा एथलीट व राष्ट्रीय पैरा शूटर देवर्षि सचान ने एक बार फिर अपने अदम्य साहस और प्रतिभा का लोहा मनवाया है। बैंगलोर में आयोजित 7वीं इंडियन ओपन पैरा एथलेटिक्स इंटरनेशनल चैंपियनशिप 2025 के पहले ही दिन देवर्षि ने दो रजत पदक जीतकर देश और हरियाणा प्रदेश को गौरवान्वित किया।
देवर्षि हाल ही में पेरिस में संपन्न हैंडी स्पोर्ट्स ओपन 2025 में भी दो रजत पदक जीतकर लौटे थे और अब बैंगलोर में लगातार दूसरी बड़ी उपलब्धि हासिल कर उन्होंने दिखा दिया कि जुनून के सामने कोई बाधा मायने नहीं रखती।
“मुश्किलें नहीं, मेरा हौसला मेरी पहचान है” – देवर्षि
खेल के बाद मीडिया से बातचीत में देवर्षि ने कहा, “अगर इंसान ठान ले तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। चुनौतियां कितनी भी हों, हिम्मत और लगन के आगे सब आसान हो जाता है।”
देवर्षि का मानना है कि शारीरिक सीमाएं सफलता की राह नहीं रोक सकतीं, बशर्ते आत्मबल मजबूत हो। उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि हर मुश्किल को हथियार बना लेना ही असली जीत है।
गुरुग्राम में खेल प्रेमियों ने दी शुभकामनाएं
देवर्षि की इस उपलब्धि पर गुरुग्राम में खेल प्रेमियों और समाजसेवियों ने खुशी व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी। समाज सेवा में भी देवर्षि बराबर सक्रिय रहते हैं।
हाल ही में मास्टर्स एसोसिएशन द्वारा चंडीगढ़ में आयोजित एक सम्मान समारोह में उन्हें हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम द्वारा उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। मंत्री ने उन्हें ढेरों शुभकामनाएं व आशीर्वाद देते हुए युवाओं के लिए प्रेरणा बताया।
हरियाणा का बेटा, पूरे देश का अभिमान
देवर्षि सचान की यह उपलब्धि केवल गुरुग्राम या हरियाणा के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। उन्होंने साबित कर दिया कि हौसले बुलंद हों तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं।