अनंगपुर गाँव को उजाड़ने की योजना के खिलाफ उठी मुखर आवाज

गुरुग्राम/फरीदाबाद। हरियाणा सरकार द्वारा फरीदाबाद जिले के ऐतिहासिक अनंगपुर गाँव को उजाड़ने की योजना के खिलाफ समाजसेवी और इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने ग्रामीणों के साथ एकजुटता दिखाते हुए गाँव में आयोजित महा पंचायत में शिरकत की और कहा कि “यह केवल गाँव की ज़मीन नहीं, लोगों की पहचान, संस्कृति और भविष्य छीना जा रहा है।”
उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, “गाँव नहीं उजड़ने देंगे, ज़रूरत पड़ी तो बड़ा जनांदोलन होगा।”
❝ भाजपा गाँव बसाने की नहीं, उजाड़ने की सरकार बन गई है ❞
गुरिंदरजीत सिंह ने सरकार की नीतियों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि “बीजेपी सरकार गाँव और शहर बसाने की बजाय उन्हें उजाड़ने में ज्यादा रुचि ले रही है। आज लड़ाई घर, ज़मीन और गाँव को बचाने की है। एक ओर आम जनता से ज़मीनें छीनी जा रही हैं, दूसरी ओर उन्हें पूंजीपतियों को सौंपा जा रहा है।”
कांग्रेस और बीजेपी की नीतियों की तुलना

गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि एक ओर कांग्रेस सरकार ने गरीबों को घर, प्लॉट और ज़मीनों के पट्टे दिए, जबकि बीजेपी सरकार लोगों के आशियाने छीनकर उन्हें बेघर कर रही है।
“बीजेपी सरकार एक ओर तो ‘स्मार्ट इंडिया’ की बात करती है, और दूसरी ओर गाँवों को उजाड़कर आम जनता को बेघर कर रही है। यह पूरी तरह से अमानवीय और जनविरोधी नीति है।”
ग्रामीण जीवन के संरक्षण की मांग
उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि अनंगपुर को उजाड़ने के बजाय “स्मार्ट गांव” के रूप में विकसित किया जाए, जिससे वहाँ आधुनिक सुविधाएं मिल सकें लेकिन ग्रामीण संस्कृति और जीवनशैली सुरक्षित रह सके।
सरकार को चेतावनी – जनांदोलन को तैयार रहें

गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि यदि सरकार ने अनंगपुर गाँव को उजाड़ने की प्रक्रिया नहीं रोकी, तो जनता लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने को बाध्य होगी। उन्होंने इसे तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसान आंदोलन की तर्ज पर “गाँव और ज़मीन बचाओ आंदोलन” में बदलने की बात कही।
ग्रामीणों को मिला समर्थन
गुरिंदरजीत सिंह ने बताया कि सरकार की नजर पहले भी गुरुग्राम के कासन गाँव की 1810 एकड़ ज़मीन, गुड़गांव गाँव और नाथूपुर के मकानों पर थी, लेकिन जब गुरुग्राम की जनता ने एकजुट होकर आंदोलन किया, तो सरकार को पीछे हटना पड़ा।
“आज वही प्रयास अनंगपुर की ज़मीन पर हो रहा है, जिसे कोर्ट के आदेश का हवाला देकर लागू किया जा रहा है, लेकिन यह फैसला जनता के मानस को उजाड़ने वाला है, और इसका हम पुरजोर विरोध करते हैं।”
“जनता के साथ हैं, हर संघर्ष में”
उन्होंने अंत में दोहराया कि वे हर उस संघर्ष में आम जनता के साथ खड़े हैं जो घर, ज़मीन और गाँव की रक्षा के लिए लड़ा जा रहा है।