हरियाणा सरकार के मंत्री राव नरबीर सिंह को सौंपा मांग पत्र, 3 अगस्त को पानीपत में राज्य स्तरीय आक्रोश प्रदर्शन की घोषणा

गुरुग्राम, 18 जुलाई — मिड डे मील वर्कर्स ने आज गुरुग्राम में जोरदार प्रदर्शन करते हुए अपनी प्रमुख मांगों — न्यूनतम वेतन ₹26000, पक्की नौकरी, बकाया मानदेय, वर्दी व पेंशन लाभ — को लेकर हरियाणा सरकार पर दबाव बनाया। प्रदर्शन के दौरान यूनियन प्रतिनिधियों ने राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह को मांग पत्र सौंपा।
प्रदर्शन के साथ-साथ मिड डे मील वर्कर्स यूनियन हरियाणा (1933) का गुड़गांव जिला सम्मेलन भी संपन्न हुआ। सम्मेलन में मूर्ति देवी को जिला प्रधान, सीमा चुग और बबीता को उपप्रधान, नीतू को सचिव, कविता को कोषाध्यक्ष और निर्मला व सुनीता को कार्यकारिणी में चुना गया। यूनियन ने निर्णय लिया कि 3 अगस्त को पानीपत में होने वाले राज्य स्तरीय आक्रोश प्रदर्शन में गुड़गांव से सैकड़ों कार्यकर्ता भाग लेंगे।

प्रदर्शन को संबोधित करते हुए यूनियन के प्रदेश महासचिव जय भगवान ने कहा, “वर्कर्स का कई-कई महीने से मानदेय बकाया है, वर्दी की राशि नहीं मिल रही और काम के घंटे तो बढ़ते जा रहे हैं लेकिन मेहनताना घट रहा है। यह सीधा शोषण है। सरकार हमें 10 महीने की पगार देती है जबकि हम 11 महीने काम करते हैं। हमें शिक्षकों की तरह 12 महीने वेतन मिलना चाहिए और वह भी ₹26000 से कम नहीं।”
उन्होंने यह भी बताया कि मिड डे मील योजना को लगभग 30 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन इस योजना में वर्षों तक सेवा देने वाले वर्कर्स को रिटायरमेंट के समय एक रुपया तक नहीं मिलता। कई बार खाना बनाते समय दुर्घटनाएं हो जाती हैं, कुछ की मृत्यु भी हो जाती है, लेकिन किसी तरह का मुआवजा या आर्थिक सहायता नहीं दी जाती।
प्रदर्शन में जनवादी महिला समिति की राज्य महासचिव ऊषा सरोहा, यूनियन प्रधान मूर्ति देवी, सचिव नीतू और कोषाध्यक्ष कविता ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण की बात तो करती है, लेकिन पिछले 11 वर्षों से मिड डे मील वर्कर्स के मानदेय में एक पैसा भी नहीं बढ़ाया गया है। गुड़गांव जिले में पिछले 6 महीनों से मानदेय नहीं मिला है — ऐसे में ये महिलाएं अपने परिवार कैसे चलाएं?”
प्रदर्शन के बाद यूनियन प्रतिनिधियों से मुलाकात करते हुए केबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने शिक्षा विभाग के एसीएस विनीत गर्ग और जिला शिक्षा अधिकारी से वार्ता कर मानदेय जल्द दिलवाने और अन्य मांगों पर सरकार से बातचीत का भरोसा दिलाया।