नई दिल्ली, 20 जुलाई 2025, रविवार | संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा। तीन सप्ताह के इस सत्र में केंद्र सरकार जहां 8 नए विधेयक पेश करने की तैयारी में है, वहीं विपक्ष ने महंगाई, बेरोजगारी और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है।

कांग्रेस ने राष्ट्रीय सुरक्षा, महिला अत्याचार, न्यायपालिका की पारदर्शिता और लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्वायत्तता जैसे विषयों को प्रमुखता से उठाने का निर्णय लिया है।

सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले 8 प्रमुख विधेयक:

1. नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल
इस विधेयक का उद्देश्य खेल संगठनों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। इसमें खिलाड़ियों के अधिकारों की सुरक्षा और खेल विवादों के समाधान के लिए स्पष्ट प्रावधान होंगे।

2. नेशनल एंटी-डोपिंग संशोधन विधेयक
यह बिल डोपिंग रोधी प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने के लिए लाया जा रहा है, ताकि निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कड़ा दंड मिल सके।

3. जिओहैरिटेज साइट्स एंड जिओरेलिक्स प्रिजर्वेशन बिल
भारत की भूवैज्ञानिक धरोहरों और विशेष चट्टानों के संरक्षण के लिए यह विधेयक लाया जा रहा है। इसमें कड़े संरक्षण प्रावधान होंगे।

4. IIM संशोधन विधेयक
भारतीय प्रबंधन संस्थानों के प्रशासनिक ढांचे में बदलाव कर शिक्षा की गुणवत्ता और संचालन में पारदर्शिता बढ़ाना इस बिल का उद्देश्य है।

5. मणिपुर GST संशोधन बिल
मणिपुर राज्य में GST से जुड़े तकनीकी और क्षेत्रीय बदलावों के लिए यह संशोधन लाया जा रहा है।

6. टैक्सेशन संशोधन विधेयक
आयकर और अन्य कर कानूनों को सरल और पारदर्शी बनाने हेतु यह बिल लाया जाएगा। बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका उल्लेख किया था।

7. जनविश्वास संशोधन विधेयक
इस विधेयक में छोटे प्रक्रियागत अपराधों को आपराधिक श्रेणी से हटाकर प्रशासनिक दंड में बदलने का प्रस्ताव है। उद्देश्य है—नागरिकों और व्यापारियों का सरकार पर विश्वास बढ़ाना।

8. माइन्स एंड मिनरल्स संशोधन बिल
खनिज संसाधनों के दोहन और प्रबंधन को पारदर्शी एवं निवेश के अनुकूल बनाने हेतु यह बिल प्रस्तावित है।

सत्र में पुराने विधेयकों पर भी चर्चा संभव

सरकार आठ नए विधेयकों के अलावा पहले से लंबित 8 अन्य विधेयकों को पारित कराने की कोशिश करेगी। इनमें इनकम टैक्स बिल 2025, भारतीय बंदरगाह विधेयक और डिजिटल डेटा संरक्षण विधेयक शामिल हैं।

विपक्ष की रणनीति और मुद्दे

कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की मौजूदगी में मानसून सत्र के लिए विपक्ष की रणनीति तय हुई। विपक्ष सरकार से सीधे सवाल करने की तैयारी में है।

विपक्ष के प्रमुख मुद्दे:

  • पहलगाम आतंकी हमला: 26 लोगों की मौत पर प्रधानमंत्री से जवाब की मांग।
  • ऑपरेशन सिंदूर और संघर्षविराम: विपक्ष जानना चाहता है कि पाकिस्तान में कार्रवाई के तुरंत बाद संघर्षविराम क्यों हुआ।
  • बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR): कांग्रेस इसे असंवैधानिक और लोकतंत्र के लिए खतरा बता रही है।
  • जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा: विपक्ष इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएगा।
  • महिला अत्याचार और बेरोजगारी: देशभर की घटनाओं के संदर्भ में सरकार से जवाबदेही की मांग होगी।
  • महंगाई और अमेरिकी टैरिफ नीति: अमेरिका के हालिया टैरिफ फैसलों का भारत पर असर और सरकार की प्रतिक्रिया पर चर्चा की मांग।
  • न्यायपालिका में पारदर्शिता: जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग नोटिस पर विपक्ष साझा रुख अपनाने की तैयारी में है।

सरकार बनाम विपक्ष: मुख्य फोकस

सरकार जहां अपने विधायी एजेंडे के जरिए सुधारवादी कदमों को सामने रखेगी, वहीं विपक्ष सुरक्षा, सामाजिक न्याय और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर सरकार की जवाबदेही तय करने की कोशिश करेगा। यह सत्र न केवल विधायी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत-पाकिस्तान तनाव, आतंकी घटनाओं और घरेलू असंतोष के बीच राजनीतिक दृष्टि से भी बेहद अहम बन गया है।

प्रश्नोत्तर (FAQ) खंड – जानकारी संक्षेप में:

Q. जनविश्वास संशोधन विधेयक क्या है?
A. यह छोटे व प्रक्रियागत अपराधों को आपराधिक श्रेणी से हटाकर प्रशासनिक दंड के तहत लाने का प्रस्ताव करता है। इसका उद्देश्य नागरिकों और सरकार के बीच विश्वास को बढ़ाना है।

Q. IIM संशोधन विधेयक से क्या बदलाव होंगे?
A. IIM संस्थानों के प्रशासनिक ढांचे में बदलाव कर शैक्षणिक गुणवत्ता और पारदर्शिता को बेहतर बनाना इसका उद्देश्य है।

Q. क्या विपक्ष प्रधानमंत्री से सीधे सवाल करेगा?
A. हां, पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े घटनाक्रमों पर प्रधानमंत्री से सीधा जवाब मांगा जाएगा।

Q. क्या बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण मुद्दा बनेगा?
A. कांग्रेस इसे संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ मानती है और सत्र में इसे प्रमुखता से उठाएगी।

Q. संसद का यह सत्र क्यों महत्वपूर्ण है?
A. यह सत्र ऐसे समय में हो रहा है जब सरकार कई बड़े विधायी सुधार ला रही है और विपक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा व लोकतांत्रिक पारदर्शिता पर उसे घेरने की तैयारी में है।

निष्कर्ष:
संसद का यह मानसून सत्र नीतिगत निर्णयों, विधायी गतिविधियों और विपक्ष की आक्रामक रणनीति के बीच टकराव का केंद्र बनने वाला है। यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता से जुड़े गंभीर मुद्दों पर कितनी सार्थक बहस होती है और कितने बिल वास्तव में कानून बनते हैं।

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