चंडीगढ़/रेवाड़ी, 20 जुलाई 2025 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा 26 और 27 जुलाई को आयोजित की जा रही ग्रुप सी व डी की कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) को लेकर गहरी आपत्ति जताई है। विद्रोही ने परीक्षा केंद्रों के निर्धारण पर सवाल उठाते हुए इसे ‘अनावश्यक परेशानी पैदा करने वाला फैसला’ बताया।

उन्होंने कहा कि CET परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को उनके गृह जिलों से बाहर भेजना सरकार की कमजोर व्यवस्थाओं को दर्शाता है। “यदि उम्मीदवार अपने ही जिले में परीक्षा दे सकें तो यह अधिक सुविधाजनक और पारदर्शी व्यवस्था होगी,” विद्रोही ने कहा।

हालांकि हरियाणा सरकार ने परीक्षार्थियों के लिए रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी है, लेकिन विद्रोही का कहना है कि इसके बावजूद दो दिनों तक पूरे हरियाणा में अफरा-तफरी मची रहेगी। “परीक्षा देने वाले युवा ही नहीं, आमजन भी इस अव्यवस्था से प्रभावित होंगे। रोडवेज की बसें परीक्षा अभ्यर्थियों को ढोने में व्यस्त रहेंगी, जिससे आम यात्री परेशान होंगे और सड़कों पर अतिरिक्त दबाव से यातायात भी बाधित होगा,” उन्होंने जोड़ा।

विद्रोही ने सरकार की इस सोच को भी गलत बताया कि अपने जिले में परीक्षा देने से नकल की संभावना अधिक होती है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “नकल तभी होती है जब पेपर लीक होता है। अगर कोई नकल का जुगाड़ करना चाहता है, तो वह दूसरे जिले में भी कर सकता है। असली जरूरत प्रशासनिक और पुलिस व्यवस्था को मजबूत करने की है, न कि युवाओं को इधर-उधर भटकाने की।”

अंत में विद्रोही ने मांग की कि CET जैसी परीक्षाएं भविष्य में इस तरह से आयोजित की जाएं कि उम्मीदवारों को अपने ही जिले में परीक्षा देने की सुविधा मिले। उन्होंने कहा कि इससे न केवल युवाओं को राहत मिलेगी, बल्कि प्रशासनिक और यातायात से जुड़ी परेशानियाँ भी कम होंगी।

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