सुरेश गोयल ‘धूप वाला’

हिसार, 21 जुलाई। भारतीय जनता पार्टी नेता सुरेश गोयल ‘धूप वाला’ ने कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर के हालिया बयान – “राष्ट्र सबसे ऊपर है” – को विपक्षी राजनीति में एक सकारात्मक बदलाव की शुरुआत बताया है। उन्होंने कहा कि थरूर का यह वक्तव्य केवल एक औपचारिक टिप्पणी नहीं, बल्कि एक गंभीर और अनुकरणीय राष्ट्रवादी सोच का परिचायक है, जिसे समूचे राजनीतिक वर्ग को आत्मसात करना चाहिए।

गोयल ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका सरकार की नीतियों की समीक्षा और आलोचना करने की होती है, लेकिन यह आलोचना कभी भी राष्ट्रहित से ऊपर नहीं होनी चाहिए। आज जब राजनीतिक बयानबाज़ी कई बार राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों को भी दलगत चश्मे से देखने लगती है, ऐसे में शशि थरूर की स्पष्ट राष्ट्रवादी दृष्टि अत्यंत स्वागतयोग्य है।

उन्होंने यह भी कहा कि शशि थरूर द्वारा हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में भारत के रुख को अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्पष्टता से प्रस्तुत करना यह दर्शाता है कि वे न केवल एक सजग विपक्षी नेता हैं, बल्कि भारत के सम्मान और सुरक्षा को सर्वोपरि मानने वाले जनप्रतिनिधि भी हैं।

गोयल ने कहा, “राजनीतिक दल सत्ता का माध्यम हो सकते हैं, किंतु राष्ट्र उसका उद्देश्य है। विचारधारा से निष्ठा ज़रूरी है, परंतु वह निष्ठा राष्ट्रहित की कीमत पर नहीं होनी चाहिए।” उन्होंने उम्मीद जताई कि विपक्ष के अन्य नेता भी शशि थरूर की भांति राष्ट्र सर्वोपरि की भावना को आत्मसात करेंगे और भारतीय लोकतंत्र को और अधिक परिपक्व बनाएंगे।

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