-शहरी निकाय मंत्री व नगर निगम कमिश्नर को शिकायत भेज कर एक्सीयन व ठेकेदार पर लगाए मिलीभगत के आरोप

पंचकूला 21 जुलाई – सेक्टर 3 में पंचकूला नगर निगम की नई बिल्डिंग बनाने के टेंडर में घपला रुकने का नाम नहीं ले रहा है । शिकायत होने पर बकाया निर्माण कार्य का टेंडर रद्द हुआ तो इस काम के दोबारा लगे टेंडर पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं । आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने शहरी निकाय मंत्री व नगर निगम कमिश्नर को शिकायत भेज कर अग्रिम तौर पर दावा किया कि भृष्टाचार के चलते 1 अगस्त को खुलने वाला टेंडर एम एम एनवरो इंजीनियर्स को अलॉट होगा । आरोप लगाया कि एक्सीयन प्रमोद कुमार ने अपने चहेते ठेकेदार को ठेका देने के लिए नियमों में तब्दीली करके टेंडर प्रक्रिया का मज़ाक़ बना दिया है ।चेतावनी दी कि अगर इस भृष्टाचार में संलिप्त एक्सीयन व ठेकेदार पर कारवाई न हुई तो वे जल्द लोकायुक्त कोर्ट में केस दर्ज कराएंगे ।

वार्षिक औसत टर्नओवर की शर्त में की तब्दीली :-

पीपी कपूर ने आरोप लगाया कि एक्सीयन प्रमोद कुमार ने अपने चहेते ठेकेदार को हर हालत में ठेका देने के लिए माह दिसंबर 2019 के मूल टेंडर की टर्नओवर संबंधी शर्त में संशोधन करवा दिया है, ताकि 1 अगस्त को जब टेंडर खुलें तो हर हालत में ठेका उसकी चहेती फर्म एम एम एनवरो इंजीनियर्स को ही मिले । माह दिसंबर 2019 के मूल टेंडर में कुल 26 करोड़ रुपये के निर्माण कार्य के लिए ठेकेदार की वार्षिक औसत टर्नओवर 30 करोड़ रुपये निर्धारित की गई थी । लेकिन अब इसी मूल टेंडर के 17.68 करोड़ रुपये के बकाया निर्माण कार्य को करवाने के लिए एक्सीयन प्रमोद ने शर्तों में संशोधन करवा कर वार्षिक औसत टर्नओवर मात्र 5.30 करोड़ रखवा दी है ताकि चहेती फर्म को ठेका मिल सके । जबकि मूल टेंडर की शर्त अनुसार वार्षिक टर्नओवर की यह राशि 20.23 करोड़ रूपये बनती है ।

अर्नेस्ट मनी जब्त न करके 35 लाख रुपये की राजस्व हानि पहुंचाई :-

कपूर ने बताया कि जिस फर्म को एक्सीयन प्रमोद अनुचित लाभ देकर ठेका देना चाहता है उसी कम्पनी ने पहले भी 12 फरवरी 2025 इसी काम के लिए आवेदन किया, लेकिन टेक्निकल बिड में वह अयोग्य पाई गई तो एक्सीयन ने टेंडर प्रक्रिया ही रद्द करवा दिया । गत 18 अप्रैल 2025 को दोबारा इसी कार्य का टेंडर आमंत्रित किया जो बड़े फ़र्ज़ीवाड़े की शिकायत होने पर रद्द करना पड़ा । रद्द हुए इस टेंडर में एम एम एनवरो इंजीनियर्स ने शपथ पत्र व टेंडर फॉर्म में गलत जानकरियां दी थी कि उसके खिलाफ़ कोई केस नहीं चल रहा और उसने कोई कार्य अधूरा नहीं छोड़ा । टेंडर शर्तों के मुताबिक गलत जानकारी देने पर 35 लाख रुपये की जमा अर्नेस्ट मनी ज़ब्त की जानी थी और फर्म को ब्लैकलिस्ट करना था । लेकिन एक्सीयन ने न तो ब्लैकलिस्ट किया और न ही 35 लाख रुपये की यह राशि जब्त की, सरकार को राजस्व हानि पहुंचाई ।

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